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साल में कितनी बार दे सकते हैं जेईई मेन परीक्षा? दूर करें कंफ्यूजन, जानें जवाब

इस साल मैथ स्ट्रीम से 12वीं बोर्ड परीक्षा देने वाले व पिछले साल 12वीं पास कर चुके लाखों स्टूडेंट्स 2025 में जेईई मेन परीक्षा देंगे. इसमें पास होने वाले टॉप ढाई लाख स्टूडेंट्स जेईई एडवांस्ड परीक्षा देते हैं. देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले के लिए जेईई परीक्षा पास करना जरूरी है. आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कॉलेज समेत अन्य टॉप कॉलेजों में जेईई के टॉप स्कोरर को ही सीट मिल पाती है.

हर साल 10 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स जेईई मेन परीक्षा देते हैं (JEE Main Exam). यह दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं की लिस्ट में शामिल है. जेईई मेन परीक्षा साल में 2 बार होती है. ऐसे में स्टूडेंट्स को काफी कंफ्यूजन रहता है कि वो एक बार जेईई मेन परीक्षा दें या दोनों बार. अगर आप भी 2025 में जेईई मेन परीक्षा देने की तैयारी कर रहे हैं और सेशन को लेकर किसी तरह का कंफ्यूजन है तो जानिए आपको क्या करना चाहिए.

2025 में जेईई मेन परीक्षा कब होगी?
जेईई मेन परीक्षा साल में दो बार होती है. पीक कोविड के दौरान जेईई मेन परीक्षा साल में 4 बार हुई थी. जेईई मेन का पहला सेशन आमतौर पर जनवरी के आखिरी हफ्ते से फरवरी के पहले हफ्ते के बीच होता है. फिर जेईई मेन का दूसरा सेशन अप्रैल में आयोजित किया जाता है. जेईई मेन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने के बाद डेट्स पता चल जाएंगी. जेईई मेन परीक्षा के दोनों सेशन के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है.

क्या दो बार जेईई मेन परीक्षा दे सकते हैं?
अब सवाल उठता है कि जेईई मेन परीक्षा साल में दो बार होती है तो स्टूडेंट्स इसमें कितनी बार शामिल हो सकते हैं. कोई भी स्टूडेंट चाहे तो जेईई मेन के दोनों सेशन में परीक्षा दे सकता है. इसको लेकर कोई लिमिटेशन तय नहीं की गई है. जेईई मेन सेशन 1 में कम अंक आने पर जेईई मेन सेशन 2 में भी शामिल हो सकते हैं. जेईई मेन सेशन 1 को प्रैक्टिस टेस्ट माना जा सकता है. जेईई मेन सेशन 2 में पिछली गलतियों को सुधारने का मौका मिलता है.

दोबारा परीक्षा देने के हैं कई फायदे
जो भी IIT जेईई मेन परीक्षा आयोजित करवाएगा, वही दोनों सेशन में से बेस्ट स्कोर भी सेलेक्ट करेगा. इस प्रक्रिया में काफी फ्लेक्सिबिलिटी दी गई है. अगर जेईई मेन सेशन 1 में आपका प्रदर्शन बेहतर है तो उसी को माना जाएगा और अगर आपने दूसरे सेशन में बेहतर मार्क्स स्कोर किए तो उनके आधार पर फाइनल रैंक दी जाएगी. अगर आपको लगता है कि पहले सेशन में आपका प्रदर्शन आपके चुने हुए कॉलेज के लिए ठीक था और आप इससे पूरी तरह संतुष्ट हैं तो दूसरे सेशन की परीक्षा देने की कोई जरूरत नहीं है.