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सरकार किस गाड़ी पर लगा रही ज्यादा टैक्स, किसमें है आपका फायदा?

टाटा नेक्सन कई सालों से भारत की मोस्ट पॉपुलर कार में से एक बनी हुई है. वहीं टाटा कर्व हाल ही में भारतीय बाजार में लॉन्च की गई. टाटा कर्व के कई फीचर्स नेक्सन की तरह ही हैं. लेकिन कर्व की कीमत नेक्सन की तुलना में करीब दो लाख रुपये ज्यादा है. एक तरफ जहां टाटा नेक्सन की कीमत 7.99 लाख रुपये से शुरू है. वहीं टाटा कर्व की एक्स-शोरूम प्राइस 9.99 रुपये से शुरू होती है. टाटा मोटर्स की इन दोनों गाड़ियों में कुछ अंतर भी है, जिसकी वजह से कर्व पर ज्यादा टैक्स लगता है. यहां जानिए नेक्सन और कर्व में किस गाड़ी को खरीदने में आपका फायदा हो सकता है.

Tata Curvv vs Tata Nexon

टाटा कर्व और नेक्सन, इन दोनों ही कारों में काफी समानताएं हैं. दोनों गाड़ियों का इंटीरियर एक जैसा है. लेकिन कुछ मामलों में कर्व, नेक्सन से बेहतर साबित होती है.

  • टाटा कर्व एक एसयूवी कूप है. इस गाड़ी में नेक्सन की तुलना में ज्यादा व्हील बेस मिलता है.
  • टाटा कर्व में 18-इंच के अलॉय व्हील्स लगे हैं जबकि नेक्सन में 16-इंच के अलॉय व्हील्स का इस्तेमाल किया गया है.
  • दोनों गाड़ियों में सबसे बड़ा फर्क है कि टाटा नेक्सन की लंबाई 4-मीटर की रेंज में है जबकि टाटा कर्व की लंबाई 4-मीटर से ज्यादा है.
  • एक तरफ जहां टाटा नेक्सन के केवल टॉप वेरिएंट में ही पैनोरमिक सनरूफ लगा मिलता है, वहीं टाटा कर्व के किसी भी सनरूफ वाले वेरिएंट को खरीदने पर पैनोरमिक सनरूफ ही मिलता है.
  • टाटा नेक्सन में 382 लीटर का बूट स्पेस दिया गया है जबकि कर्व में 500 लीटर का बूट स्पेस दिया गया है.

किस गाड़ी पर लगता है ज्यादा Tax?

टाटा नेक्सन और कर्व दोनों ही कारों में 1199 cc का इंजन लगा  है. लेकिन दोनों कारों की लंबाई में फर्क है, जिसकी वजह से कर्व पर लगने वाला टैक्स ज्यादा है.

  • सरकारी गाइडलाइंस के मुताबिक, पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी से चलने वाली गाड़ियां, जिनमें 1200 cc से कम का इंजन लगा है और जिनकी लंबाई 4 मीटर से कम है, उन गाड़ियों पर कुल 29 फीसदी का टैक्स सरकार लगाती है.
  • इसके अलावा जिन पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी से चलने वाली गाड़ियों में इंजन तो 1200 cc से कम का लगा है, लेकिन उनकी लंबाई 4 मीटर से ज्यादा है, तो ऐसी गाड़ियों पर सरकार टोटल 43 फीसदी टैक्स लगाती है.

सरकार की गाड़ियों पर टैक्स नीति के मुताबिक, टाटा नेक्सन जो कि 4-मीटर की रेंज में आती है, उस पर 29 फीसदी टैक्स लगता है. वहीं टाटा कर्व की लंबाई 4.3 मीटर के करीब है. इस वजह से कर्व पर सरकार 43 फीसदी टैक्स लगाती है.