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क्‍या जेट एयरवेज से जीतकर भी हार जाएंगे बैंक! कंपनी बेचकर कितना पैसा मिलेगा, कर्ज देने वालों को कितना नुकसान

सुप्रीम कोर्ट ने 5 साल से बंद पड़ी भारतीय एयरलाइंस जेट एयरवेज (Jet Airways) की संपत्तियां बेचकर बैंकों को कर्ज वसूलने की छूट तो दे दी, लेकिन इस फैसले के बावजूद बैंकों को बड़ा नुकसान होने वाला है. कंपनी पर एसबीआई और पीएनबी सहित तमाम बैंकों के हजारों करोड़ रुपये का बकाया है. इसके अलावा भी कई अन्‍य तरह की देनदारियां कंपनी पर बनती हैं. ऐसे में जेट एयरवेज की सभी प्रॉपर्टीज बेचने के बाद बैंकों को जो रकम मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है, वह काफी कम है. लिहाजा इस फैसले के बावजूद बैंकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.

मनीकंट्रोल के मुताबिक, कोर्ट डॉक्‍यूमेंट में जेट एयरवेज की नॉन कोर एसेट वाली टोटल बुक वैल्‍यू करीब 1,066.75 करोड़ रुपये है. इसमें 6 लग्‍जरी कारें, एम्‍स्‍टर्डम में कंपनी की संपत्तियां और, जमीनें और अन्‍य सामान शामिल है. इसका मतलब हुआ कि कंपनी की प्रॉपर्टीज को बेचकर बैंकों को करीब 1,000 करोड़ रुपये ही मिल सकेंगे. आपको बता दें कि बैंकों का इस कंपनी पर मिलने वाली रकम से करीब 8 गुना ज्‍यादा बकाया है.

सबसे महंगी प्रॉपर्टी कहां
जेट एयरवेज की सभी संपत्तियों का मूल्‍यांकन किया जाए तो सबसे महंगी संपत्ति मुंबई के बांद्रा कुरला स्थित कॉमर्शियल बिल्डिंग में 15,000 वर्गफुट का फ्लोर है. इसकी कीमत करीब 683 करोड़ रुपये बताई जाती है. इसके अलावा Boeing 777-35 एयरक्राफ्ट की कीमत 376 करोड़ रुपये बताई जाती है. इसके अलावा पाली में 200 वर्गमीटर की जमीन जिसकी कीमत 22 लाख रुपये, वडगांव में 140 वर्गफुट जमीन जिसकी कीमत 15 लाख रुपये और 25 लाख रुपये की 59 वर्गमीटर जमीन दमन में है. इसके अलावा 2.39 करोड़ की मेबैक 600 लग्‍जरी कार, 1.27 करोड़ की मर्सिडीज एस400, 73 लाख की बीएमडब्‍ल्‍यू एलडी सहित 6 कारें भी शामिल हैं.

कितना कर्ज और कितनी वसूली
आपको जानकर हैरानी होगी कि जेट एयरवेज की कुल संपत्तियां बेचकर मिलने वाली 1,000 करोड़ की वैल्‍यू बैंकों के कुल बकाया की महज 13 फीसदी है. इतना ही नहीं एयलाइंस के खिलाफ किए गए देनदारी के कुल दावे के मुकाबले यह रकम सिर्फ 6.4 फीसदी ही रहेगी. माना तो यह भी जा रहा है कि नीलामी में कंपनी की संपत्तियों की बोली उसकी कुल वैल्‍यू के 50 फीसदी तक ही जाएगी.

कंपनी पर कुल कितने रुपये बकाया
जेट एयरवेज 2019 में जब बंद हुई थी, तब इस पर कुल देनदारी 15.72 हजार करोड़ रुपये की बताई गई थी. इसमें सबसे ज्‍यादा 7.80 हजार करोड़ रुपये बैंकों के बकाया थे, तो ऑपरेशनल क्रेडिटर्स के 6.70 हजार करोड़ रुपये का बकाया निकला था. 3.35 हजार करोड़ रुपये का बकाया कर्मचारियों की सैलरी आदि का बकाया था. 816 करोड़ रुपये कंपनी के कर्मचारियों से जुड़े अन्‍य कामकाज का भी बकाया है.

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