शेयर बाजार की निगरानी करने वाली संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) घोटाले और घोटालेबाजों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाती है. इसी कड़ी में सेबी ने लगभग 68.5 लाख रुपये का बकाया वसूलने के लिए वेणुगोपाल धूत और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज की प्रमोटर यूनिट इलेक्ट्रोपार्ट्स (इंडिया) के बैंक खातों, शेयरों और म्यूचुअल फंड होल्डिंग को कुर्क करने का आदेश दिया है. इससे पहले सेबी ने 30 सितंबर को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज की प्रवर्तक इकाई इलेक्ट्रोपार्ट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड और इसके मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वेणुगोपाल धूत को नोटिस भेजा था. नोटिस में उन्हें वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग गतिविधियों के एक मामले में 15 दिन के भीतर बकाया राशि का भुगतान करने को कहा गया था.
क्यों हुई कार्रवाई
धूत और इलेक्ट्रोपार्ट्स (इंडिया) के जुर्माने न देने पर ताजा कार्यवाही की गई. शुक्रवार को जारी दो कुर्की आदेशों में बाजार नियामक ने लंबित बकाया राशि की वसूली के लिए वेणुगोपाल धूत और इलेक्ट्रोपार्ट्स (इंडिया) के बैंक, डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड होल्डिंग को जब्त करने का आदेश दिया है.
कौन हैं वेणुगोपाल धूत
कभी भारत के अमीरों की सूची में 61वें स्थान पर रहे वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत लोन फ्रॉड केस में कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं. लेकिन, अब उनकी कंपनी वीडियोकॉन दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है. भारत में पहला कलर टेलीविजन पेश करने वाली वीडियोकॉन और इसके मालिक वेणुगोपाल धूत आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस में आरोपी हैं.
साल 1985 में वेणुगोपाल के पिता नंदलाल माधवलाल धूत ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल की स्थापना की थी. कुछ ही सालों के अंदर यह कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और होम एप्लायंसेज में भारत की टॉप कंपनी बन गई. वेणुगोपाल की लीडरशिप में वीडियोकॉन का कारोबार खूब बढ़ा. भारत के अलावा वीडियोकॉन ने चीन, मैक्सिको, पोलैंड और इटली में भी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित किए.