पड़ोसी देश बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों से हर कोई परेशान है. ये लोग तारों के नीचे से भारत में दाखिल होते हैं और फिर यहां भारतीयों के रोजगार पर डाका डालते हैं. एक दिन पहले ही झारखंड चुनाव के दौरान प्रचार कर रहे अमित शाह ने फिर बांग्लादेशी घुसपैठियों की प्रदेश में मौजूदगी का मुद्दा उठाया था. आज एक दिन बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में जमकर एक्शन लिया. बांग्लादेशी घुसपैठियों और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड और पश्चिम बंगाल में कुल 17 लोकेशन पर ED ने ऑपरेशन चलाया है. झारखंड में होने वाले पहले चरण के मतदान के ठीक एक दिन पहले यह कार्रवाई की गई है.
एक महीने पहले भी अमित शाह झारखंड चुनाव प्रचार के दौरान बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठा चुके हैं. एक चुनावी रैली में गृह मंत्री के भाषण के बाद तुरंत ही बांग्लादेश की नई मोहम्मद यूनुस की अंतरिम रकार की तरफ से भी इसपर बयान जारी किया गया था. तब भारतीय राजदूत को तलब कर बांग्लादेश ने इसपर आपत्ति जताई थी. ईडी की ताजा कार्रवाई से केंद्र सरकार ने पड़ोसी देश बांग्लादेश और झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर एक साथ निशाना साधा है. सूत्रों के मुताबिक इसी साल 6 जून को रांची स्थित बरियातू थाने में बांग्लादेशी घुसपैठियों से जुड़े केस में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. उसी केस की ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच कर रही है.
टेंशन में मोहम्मद यूनुस!
ईडी के एक्शन के बाद बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की सरकार का टेंशन में आना तय है. भारत ने यह साफ कर दिया है कि वो अवैध घुसपैठ को हल्के में नहीं लेगा. अमित शाह ने एक दिन पहले कहा था कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठी भारतीयों की नौकरी हड़प रहे हैं. ये झारखंड की लड़कियों से शादी कर रहे हैं. गृह मंत्री ने कहा था कि युवाओं को नौकरी मिल नहीं रही है तो फिर ये कहां जा रही है. ये नौकरियां बांग्लादेशी घुसपैठियों को दी जा रही है. झारखंड की जेएमएम-कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है. अमित शाह ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी ने कश्मीर को भी आतंक का केंद्र बना दिया था.