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ये डेटा तय करेंगे बाजार की दिशा, आप भी रखें नजर, मुनाफा पाने में मिलेगी मदद

बीते हफ्ते शेयर बाजार (Share Market) में गिरावट रही. वहीं, स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा 18 नवंबर से शुरू होने वाले हफ्ते में ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी. बीएसई (BSE) और एनएसई ने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को कारोबारी अवकाश घोषित किया है. 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को होंगे और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी.

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट प्रवेश गौर ने कहा, “महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के कारण 20 नवंबर दिन बुधवार को भारतीय शेयर बाजार बंद रहेगा. चुनाव नतीजे, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड, डॉलर इंडेक्स प्रदर्शन, अमेरिकी बेरोजगारी दावे, लेटेस्ट मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस पीएमआई डेटा और जापान के महंगाई डेटा सहित प्रमुख ग्लोबल इकोनॉमिक इंडीकेटर बाजार की दिशा को आकार देने में महत्वपूर्ण होंगे. अमेरिका में बॉन्ड पर हाई यील्ड और चुनाव के बाद डॉलर में मजबूती ने भारत जैसे उभरते बाजारों को प्रभावित किया है और फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) गतिविधि एक प्रमुख फैक्टर बनी हुई है, जो निकट भविष्य में भारतीय इक्विटी को प्रभावित कर रही है.”

FII पर निगाह
एक्सपर्ट्स ने कहा कि ब्रेंट क्रूड की चाल और रुपया-डॉलर का रुख भी बाजार में कारोबार को प्रभावित करेगा. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट-रिसर्च अजीत मिश्रा ने कहा, “यह हफ्ता भी छुट्टी के कारण छोटा है. ध्यान फिर से एफआईआई फ्लोज पर चला जाएगा. एफआईआई बीते डेढ़ महीने से लगातार बिकवाली कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त, व्यापारी ग्लोबल मार्केट्स के ट्रेंड्स पर कड़ी नजर रखेंगे.”

सेंसेक्स और निफ्टी में तेज गिरावट
बीते हप्ते बीएसई सेंसेक्स में 1,906.01 अंक या 2.39 फीसदी की गिरावट आई. शुक्रवार (15 नवंबर) को गुरु नानक जयंती के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहे. सेंसेक्स अपने ऑल टाइम हाई से 8,397.94 अंक या 9.76 फीसदी की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ और निफ्टी भी रिकॉर्ड हाई से 2,744.65 अंक या 10.44 फीसदी नीचे आ गया है. इस साल 27 सितंबर को सेंसेक्स 85,978.25 के अपने रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था और उसी दिन एनएसई निफ्टी भी 26,277.35 के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचा था. सेंसेक्स और निफ्टी में तेज गिरावट विदेशी निवेशकों के घरेलू बाजार से भागने, दूसरी तिमाही की कमजोर आय और इक्विटी के हायर वैल्यूएशन के कारण हुई थी.