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दुनिया की लंका लगाने जा रहे ट्रंप, फिर भी भारत रहेगा फायदे में, नीति आयोग के सीईओ ने क्‍यों किया ऐसा दावा

अमेरिका के बनने वाले नए राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कुर्सी संभालने से पहले ही पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है. उन्‍होंने चीन, कनाडा सहित कई देशों पर भारी-भरकम आयात शुल्‍क लगाने की बात की है, जिसकी आंच भारत पर भी आने की आशंका है. बावजूद इसके नीति आयोग के सीईओ का दावा है कि ट्रंप के इस कदम से भारत के लिए नए अवसर खुलेंगे. इसका मतलब हुआ कि भारत के लिए आने वाला समय अमेरिका की ओर से हरी झंडी का हो सकता है.

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बीवीआर सुब्रमण्यम ने बुधवार को कहा कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन समेत तीन व्यापारिक साझेदारों पर उच्च सीमा शुल्क लगाने की घोषणा से भारत के लिए बड़े निर्यात अवसर पैदा होंगे. सुब्रमण्यम ने कहा कि घरेलू उद्योग को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए.

क्‍या कहा था ट्रंप ने
ट्रंप ने पिछले सप्ताह मैक्सिको और कनाडा से आयात पर 25 प्रतिशत सीमा शुल्क और चीन से आयात पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की बात कही थी. सुब्रमण्यम ने कहा, ‘ट्रंप ने अब तक जो भी घोषणा की है…मुझे लगता है कि उससे भारत के लिए अवसर आने वाले हैं. हम पहली स्लिप में खड़े हैं और गेंद हमारी तरफ आ रही है. हम इसे पकड़ेंगे या छोड़ देंगे, यह हमें देखना है. मुझे लगता है कि आप अगले कुछ महीनों में हमारी तरफ से कुछ कदम देखेंगे.’

अमेरिका को भी होगा नुकसान
उन्होंने कहा कि इस कदम की वजह से अमेरिकी व्यापार में बड़ी रुकावटें आने वाली हैं और इससे भारत के लिए ‘बहुत बड़े’ अवसर पैदा होंगे. सवाल यह है कि अगर हम वास्तव में खुद को तैयार करते हैं, तो इससे बहुत बड़ा उछाल आ सकता है… क्योंकि व्यापार में बदलाव होने वाला है. अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. पिछले वित्त वर्ष में भारत का अमेरिका को निर्यात 77.51 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 42.2 अरब डॉलर रहा. भारत के आईटी निर्यात राजस्व में भी अमेरिका का हिस्सा 70 प्रतिशत है.

पहले भारत पर भी साधा था निशाना
ट्रंप का ऐलान इसलिए भी महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि उन्‍होंने पहले भारत को भी ‘टैरिफ किंग’ करार दिया था. उन्होंने कारोबार की मुद्रा के तौर पर अमेरिकी डॉलर को बदलने के किसी भी कदम के खिलाफ ब्रिक्स समूह को चेतावनी दी है. इस नौ सदस्यीय समूह में भारत, रूस, चीन और ब्राजील भी शामिल हैं. नीति आयोग ने भारत के व्यापार परिदृश्य पर एक रिपोर्ट भी जारी की. इस रिपोर्ट को आयोग तिमाही आधार पर जारी करेगा. नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि व्यापार घाटे को लेकर ज्‍यादा चिंता नहीं करनी चाहिए, क्‍योंकि अर्थव्यवस्था को आयात से अधिक लाभ होता है