जल्द ही आप निश्चिंत होकर सो सकेंगे. आपके शहर की चौबीसों घंटे निगरानी होगी. यानी बड़े शहरों के साथ टायर दो और टायर तीन के शहरों में कैमरे लगाए जा रहे हैं और ये कैमरे एआई तकनीक से लैस होंगे. लगातार बढ़ रही इनकी मांग बढ़ रही है. सरकार सुरक्षा को लेकर बड़े कदम उठा रही है.इसी दिशा में राजधानी में प्रगति मैदान में सुरक्षा कैमरों को लेकर एक्सपो आयोजित किया गया है, जहां पर ऐसे कैमरों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जो इलाके में अवैध गतिविधियां होने पर संबंधित एजेंसियों को अलर्ट भी करेंगे.
मौजूदा समय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए देशभर के विभिन्न राज्यों में करीब 20 लाख कैमरे लग चुके हैं. इनमें टायर एक के शहर शामिल हैं, लेकिन अब सरकार छोटे शहरों यानी टायर दो और तीन को भी कैमरों की जद में लाने जा रही है. रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में कैमरे लगाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है, जो फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक से लैस होंगे. इसी कड़ी में प्रगति मैदान में विश्वस्तरीय सुरक्षा और अग्निसुरक्षा को लेकर आईएफएसईसी इंडिया का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 300 से अधिक सिक्योरिटी ब्राण्ड्स 5000 से अधिक प्रोडक्ट्स का प्रदर्शन कर किया जा रहा है. इनमें आधुनिक सीसीटीवी ले लेकर वीडियो सर्विलान्स, बायोमेट्रिक्स, आरएफआईडी, इंटीग्रेटेड सिस्टम और पेरीमीटर सिक्योरिटी तकनीक शामिल हैं.
केन्द्र सरकार के अनुसार भारत ग्लोबल इकोनोमिक पावरहाउस के रूप में उभर रहा है, ऐसे में आधुनिक सर्विलान्स समाधानों की मांग तेजी से बढ़ रही है. 2024 में भारत का सीसीटीवी मार्केट 3.98 बिलियन डॉलर का है, जो 20.6 फीसदी की दर से बढ़कर 2029 तक 10.17 बिलियन डॉलर के आंकड़े पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं एक्सपो के आयोजक योगेश मुद्रास के अनुसार आईएफएसईसी इंडिया 2024 भारतीय सुरक्षा सिस्टम में महत्वपूर्ण विकास का प्रदर्शन है, जो सार्वजनिक सुरक्षा जागरूकता और आधुनिक साइबर सुरक्षा की ज़रूरतों पर फोकस कर रहा है. एआईओटी टेक्नोलॉजी का इंटीग्रेशन उद्योग जगत में बदलाव ला रहा है, आधुनिक सुरक्षा कैमरे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की विभिन्न ज़रूरतों को पूरा कर हैं.