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जिस बोट से मुंबई में हुआ हादसा, उसकी कितनी होती है स्पीड? कहीं यही तो वजह नहीं

देश की आर्थिक राजधानी उस समय हिल गई मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया इलाक़े से एलिफ़ेंटा द्वीप जा रही यात्रियों से भरी फेरी पलट गई. इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई. नेवी बोट में 110 से ज्यादा लोग सवार थे. घटना के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इंजन की खराबी के कारण चालक ने स्पीडबोट पर नियंत्रण खो दिया, जिसके परिणामस्वरूप टक्कर हुई. इस घटना के बाद लोगों के जहन में कई तरह के सवाल हैं. सवाल यह है कि क्या स्पीड की वजह से ये हादसा हुआ. आखिर इस नेवी बोट की स्पीड क्या होती है.

इस बोट का नाम नीलकमल स्पीडबोट है. ऐसा दावा किया जाता है कि इसकी रफ्तार 140km तक जा सकती है. लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि इस बात की जांच करके ही कहा जा सकता है कि इसकी हादसे वाले स्पीडबोट की कितनी स्पीड रही होगी. एक अधिकारी ने बताया, “जब भी कोई बड़ा कंपोनेंट, जैसे कि इंजन, किसी क्राफ्ट पर लगाया जाता है, तो हम OEM के साथ मिलकर बड़े स्तर पर टेस्ट करते हैं, ताकि महत्वपूर्ण क्षणों में कोई समस्या न आए. उदाहरण के लिए, अगर निर्माता दावा करता है कि इंजन 140 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंच सकता है, तो हम दावे की पुष्टि करने के लिए उनके साथ मिलकर इसका परीक्षण करते हैं. इसी तरह का एक परीक्षण किया जा रहा था.”

मुंबई पुलिस ने दर्ज की FIR
घटना के बाद मुंबई पुलिस ने नीलकमल नाव पलटने की घटना के संबंध में नौसेना के स्पीड बोट चालक और अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोलाबा पुलिस थाने में FIR दर्ज कर ली है. बीएनएस की धारा 106(1), 125 (ए) (बी), 282, 324 (3)(5) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. यह FIR जीवित बचे नाथाराम चौधरी, 22 वर्ष, निवासी साकीनाका मुंबई की शिकायत पर की गई है.

चलाया जा रहा रेस्कयू ऑपरेशन
घटना के बाद एमबीपीटी, नौसेना, तटरक्षक बल और तटीय पुलिस के संसाधनों के साथ-साथ दो सीआईएसएफ गश्ती नौकाओं ने घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया दी. पायलट बोट SHM-XXIII द्वारा कुल 56 व्यक्तियों को बचाया गया और उन्हें जेएनपीए लैंडिंग जेटी पर लाया गया. दुर्भाग्य से, JNPA अस्पताल में गंभीर रूप से घायल एक बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया. रिपोर्टों के अनुसार, अतिरिक्त 16 व्यक्तियों को बचाया गया और उन्हें मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया ले जाया गया. लापता यात्रियों की तलाश जारी है. हालांकि दुर्घटना स्थल जेएनपीए की गश्ती सीमा से बाहर था, लेकिन पोर्ट कंट्रोल से सूचना मिलने पर सीआईएसएफ की नावें तुरंत जुट गईं.

CISF की टीमों ने अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में बचाव अभियान के दौरान पूरा समर्थन दिया. जेएनपीए लैंडिंग जेटी पर, जेएनपीए अस्पताल में चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता वाले यात्रियों के सुरक्षित स्थानांतरण को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की गई.

मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जानमाल के नुकसान पर शोक व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये की मुआवजा देने की घोषणा की. इसके अलावा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गेटवे ऑफ इंडिया के पास मुंबई नाव दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया. मीडिया से बात करते हुए महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “लापता लोगों के बारे में अंतिम जानकारी कल सुबह उपलब्ध होगी. शोक संतप्त परिवारों को सीएम राहत कोष से 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. पूरी घटना की जांच पुलिस और नौसेना द्वारा की जाएगी.”