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पटरियों पर दौड़ रही थी वंदे भारत ट्रेन, अचानक पायलट को ट्रैक पर दिखी रॉड! झट से लगा दिए ब्रेक

राजस्थान में एक बार फिर वंदे भारत ट्रेन के साथ हादसा होते-होते बचा है. यह हादसा बूंदी के पास हुआ. यहां रेलवे ट्रैक पर लोहे की पत्ती पड़ी देखकर पायलट ने ब्रेक लगा दिए. ट्रेन के अचानक ब्रेक लगने से उसमें सवार यात्री हड़बड़ा गए. बाद में रनिंग स्टाफ ने उतरकर पूरे मामले को देखा. उन्होंने पत्ती को वहां से हटाया और रेलवे प्रबंधन को सूचना दी. इस दौरान ट्रेन करीब 10 मिनट तक वहां रुकी रही. मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है.

जानकारी के अनुसार यह मामला गुरुवार को सामने आया था. वंदे भारत एक्सप्रेस बूंदी स्टेशन से तालेड़ा की ओर से कुछ ही आगे बढ़ी थी कि पायलट को वापस ब्रेक लगाने पड़ गए. यह घटना सुबह करीब 9 बजकर 20 मिनट पर हुई. रेलवे ट्रैक पर 3-4 फीट लंबी लोहे की रॉड पड़ी देखकर पायलट ने ट्रेन को रोक दिया. वहीं ट्रेन के वाइब्रेशन से लोहे की रॉड ट्रैक से हट गई. इसके बाद रनिंग स्टाफ ने वहां जाकर कथित रॉड को देखा तो वह लोहे की मोटी पत्ती मिली. बाद में कंट्रोल रूम को सूचना देकर उसे हटाया गया.

घटना की जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम गठित की
इस घटना के बाद रेलवे प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया. उसने घटना की जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम का गठन किया है. यह पांच सदस्यीय टीम पता लगाएगी कि यह पत्ती अपने आप खुलकर अलग हो गई या फिर यह किसी साजिश का हिस्सा है. टीम घटना की जांच कर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट देगी. इस संबंध में आरपीएफ इंचार्ज मुकेश चौधरी का कहना है कि ट्रेक पर कोई रॉड नहीं थी. बल्कि वह पटरी के पास लगी रहने वाली लोहे पत्ती थी. वह पटरी से अलग होकर ट्रैक के बीच में गई थी. पूरे मामले की जांच की जा रही है.

उदयपुर-आगरा कैंट वंदे भारत ट्रेन सितंबर में शुरू हुई है
उल्लेखनीय है कि उदयपुर-आगरा कैंट वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत इसी साल 2 सितंबर से हुई थी. यह सप्ताह में तीन दिन सोमवार, गुरुवार और शनिवार को चलती है. वहीं बुधवार, शुक्रवार और रविवार को इस ट्रेन का संचालन उदयपुर से जयपुर के बीच होता है. आगरा रूट पर वंदे भारत के साथ 4 महीनों में इस तरह का यह पहला मामला है. जबकि उदयपुर-जयपुर वंदे भारत की शुरूआत के 2 महीनों में ही 3 बार ट्रेन पर पथराव, ट्रैक पर पत्थर बोल्ट जैसी घटनाएं हुई थी. 25 सितंबर को चंदेरिया के पास उदयपुर-जयपुर वंदे भारत पर पथराव हुआ था. उसके बाद 2 अक्टूबर को चित्तौडगढ़ के पास ट्रैक पर पत्थर, बोल्ट, क्लिप लगाकर ट्रेन पलटाने की कोशिश की गई थी.