राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पटना के फुलवारी शरीफ के प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) मामले में मुख्य आरोपी मोहमद सज्जाद आलम को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से गिरफ्तार कर लिया है. सज्जाद दुबई से भारत लौट रहा था. वह बिहार के मोतिहारी जिला के चकिया नगर परिषद कुआवां के वार्ड 12 का रहने वाला है. इससे पहले भी चकिया और मेहसी इलाके से काफी संख्या में पीएफआई के सदस्य भी गिरफ्तार हुए हैं.
दरअसल बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोहम्मद सज्जाद आलम के खिलाफ पटना की एनआईए की विशेष अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. साथ ही उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया था. एनआईए जांच के अनुसार सज्जाद आलम पीएफआई (PFI) का प्रशिक्षित सदस्य है, जो यूएई, कर्नाटक और केरल स्थित सिंडिकेट के माध्यम से बिहार में पीएफआई कैंडरों को अवैध धन मुहैया करने में शामिल था.
कहां खर्च होते थे पैसे
इस धन का इस्तेमाल पीएफआई की आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में इस्तेमाल किया जाता था. इस मामले को सबसे पहले 2022 में फुलवारी शरीफ पुलिस ने दर्ज किया था. पीएफआई के सदस्यों पर यह आरोप है कि देश में आतंक का माहौल बनाने और विभिन्न धर्मों के बीच नफरत फैलाने का साजिश रच रहे थे.
परिजनों ने लगाया फंसाने का आरोप
वहीं PFI मामले में मोतिहारी के चकिया के मोहम्मद सहज्जाद के कनेक्शन आने और NIA द्वारा दुबई से दिल्ली लौटने के दौरान गिरफ्तारी किए जाने के बाद कुअवा गांव में दहशत का माहौल है. वहीं मो सहज्जाद के परिजनों ने बेटे के फंसाने के आरोप लगाया है. NEWS 18 से मो सहज्जाद के पिता मो फारुख हुसैन ने कहा कि 2022 से ही मेरे बेटे दुबई में जाकर ड्राइवर का काम करता था. मेरे बेटे को फंसाने का काम किया जा रहा है.
‘हर महीने 30 हजार रुपये भेजता था बेटा’
उन्होंने कहा कि हम अपने बेटे को लगातार डांटते थे. मेरा बेटा निर्दोष है. मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है. मेरे बेटे का आंचरण बिल्कुल ठीक है. वह दुबई में काम कर हर महीने मुझे 30 हजार रुपया भेजता था. कुछ लोगों के द्वारा मेरे बेटे को फंसाने की कोशिश की गई है. हमको न्याय की उम्मीद है.