जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में फैली रहस्यमयी बीमारी ने लोगों में डर फैला दिया है. इस बीमारी से 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 3 लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है. ये सारी मामले यहां एक सुदूर गांव बधाल में सामने आए हैं. इस बीमारी के शिकार यहां के केवल 3 परिवार ही हुए हैं, लेकिन पूरे गांव में डर का माहौल है. आलम यह है कि पूरे इलाके को निषिद्ध क्षेत्र (Containment Zone) घोषित कर दिया गया.
इस बीच केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इन रहस्यमयी मौतों के पीछे किसी संक्रमण को कारण मानने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में ‘टॉक्सिन्स’ को इसका कारण बताया गया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जांच चल रही है ताकि टॉक्सिन की पहचान की जा सके और अगर कोई ‘साजिश’ सामने आती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी.
जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘लखनऊ में सीएसआईआर लैब में की गई प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह कोई संक्रमण, वायरल या बैक्टीरियल नहीं है. टॉक्सिन्स पाए गए हैं. अब, जांच चल रही है कि यह किस प्रकार का टॉक्सिन है.’ उन्होंने कहा कि सभी कोणों से जांच की जा रही है.
3 ही परिवार से हैं सारे बीमार
राजौरी के बधाल गांव में 7 दिसंबर 2024 से 10 जनवरी 2025 के बीच 50 दिनों के अंतराल में रहस्यमय मौतें हुईं. संक्रमित परिवारों के चार करीबी रिश्तेदार भी अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. बीमारी से पीड़ित लोगों में बुखार, मतली, बेहोशी और दर्द जैसे लक्षण थे.
गृह मंत्रालय ने जांच के लिए भेजी टीम
गृह मंत्रालय ने मौतों के कारण की जांच के लिए 11 सदस्यीय अंतर-मंत्रालयी टीम का गठन किया है. यह टीम रविवार को राजौरी पहुंची. जीएमसी राजौरी के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख और वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ डॉ. शुजा कादरी ने कहा कि मौतें किसी संक्रामक बीमारी के कारण नहीं हुईं. 200 से अधिक खाद्य नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए.
कादरी ने कहा, ‘उम्मीद है कि टॉक्सिन्स के पैनल के आधार पर, लैब एक सप्ताह या 10 दिनों के भीतर टॉक्सिन को अलग करने में सक्षम होंगी, और हम आसानी से आगे की मौतों को रोकने के लिए उपाय कर सकेंगे.’