रायपुर/24 मार्च 2022। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि भूपेश बघेल सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक “डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन“ के निर्माण की प्रक्रिया नगरीय निकाय प्रशासन के द्वारा प्रत्येक नगर निगम क्षेत्र में चल रही है, जिसके खिलाफ प्रियदर्शनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्या. के द्वारा बिलासपुर उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर आपत्ति जताई गई थी। उक्त याचिका में प्रियदर्शनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित के द्वारा उच्च न्यायालय से भवन के निर्माण पर स्थगन प्राप्त कर लिया गया था। नगर पालिक निगम रायपुर के तरफ से अधिवक्ता संदीप दुबे ने जवाब प्रस्तुत कर स्थगन हटाने की मांग की। उक्त प्रकरण की अंतिम सुनवाई माननीय न्यायमूर्ति श्री आर.सी. एस. सामंत के बेंच में हुई जिसमें नगर पालिक निगम के अधिवक्ता संदीप दुबे के द्वारा बताया गया कि “डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्व समाज मांगलिक भवन’’ का निर्माण पूरे प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्रों में जनहित के लिए हो रहा है, जिसका उपयोग प्रत्येक वर्ग के लोग कर सकेंगे। भवन का निर्माण विधिवत तरीके से रायपुर विकास प्राधिकरण की भूमि पर हो रहा है। योजना के समर्थन में पक्ष रखते हुए अधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया कि प्रियदर्शनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित को इस संदर्भ में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है, यह निर्माण जनहित के लिए हो रहा है। ’डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्व समाज मांगलिक भवन का निर्माण पूरे नियम के अनुसार किया जा रहा है, प्रियदर्शनी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित के पास बीस-बीस हजार वर्गफुट के दो उद्यान है इसके बावजूद तथ्यों को छुपाते हुए आपत्ति की गई थी। उक्त याचिका को आदेश हेतु सुरक्षित रखा गया था जिसमें आज दिनांक 23 मार्च को माननीय न्यायमूर्ति श्री आर. सी. एस. सामंत के द्वारा आदेश करते हुए यह कहा गया है कि राज्य शासन द्वारा “डॉ. बी आर अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन का बनाया जाना जनहित में है और जनहित के कार्यों पर किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद अब राज्य शासन द्वारा पूरे प्रदेश में डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन के निर्माण का रास्ता प्रशस्थ हुआ है। पूरे प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्रों में सामुदायिक भवन के निर्माण से सभी वर्गों के आम जनता को इसका लाभ मिलेगा। उच्च न्यायालय के इस फैसले से नागरिक सुविधा बढ़ाने की दिशा में भूपेश बघेल सरकार के प्रयासों को गति मिलेगी।