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भारत में पाम ऑयल का आयात घटा, सोया तेल के आयात में 125% की बढ़ोतरी

भारत का जुलाई में पाम ऑयल का आयात एक महीने पहले की तुलना में 10% कम हो गया है. ट्रेड बॉडी सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. एसोसिएशन ने बताया कि रिफाइनर ने केंद्र सरकार के उस फैसले का फायदा उठाने के लिए वैकल्पिक सोया तेल की खरीद बढ़ा दी है, अपने ऑल टाइम हाई कीमतों को कम करने के लिए वेजिटेबल ऑयल के आयात शुल्क में छूट मिल सके.

व्यापारियों के संगठन ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े खाद्य तेल आयातक द्वारा सोया तेल की अधिक खरीद अमेरिकी सोया तेल की कीमतों का समर्थन करेगी, लेकिन भारतीय खरीद में प्रतिद्वंद्वी पाम तेल की हिस्सेदारी को प्रभावित करेगी और मलेशियाई और इंडोनेशियाई विक्रेताओं को बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए छूट की पेशकश करने के लिए मजबूर करेगी.

सूरजमुखी तेल का आयात 30% बढ़ा
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा कि जुलाई में भारत का पाम तेल आयात एक महीने पहले के 590,921 टन से घटकर 530,420 टन रह गया था. जुलाई में सोया तेल का आयात एक महीने पहले की तुलना में 125% बढ़कर रिकॉर्ड 519,566 टन हो गया, जबकि सूरजमुखी तेल का आयात 30% बढ़कर 155,300 टन हो गया है.

सूरजमुखी तेल आयात में मिली थी टैक्स छूट
मई के आखिर में भारत ने स्थानीय खाद्य तेल की कीमतों पर लगाम लगाने के प्रयासों के तहत 31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू और अगले वित्तीय वर्ष के लिए प्रत्येक सोया तेल और सूरजमुखी तेल के 2 मिलियन टन के आयात तक टैक्स में छूट दी थी. ब्रोकरों ने कहा कि जून के अंत तक पाम तेल पर सोया तेल का प्रीमियम 150 डॉलर प्रति टन से कम था, लेकिन चूंकि पाम तेल पर 5.5% आयात कर लगता है, इसलिए भारतीय खरीदारों के लिए पाम तेल प्रभावी रूप से अधिक महंगा था.

350 डॉलर प्रति टन हुआ अंतर
पिछले कुछ हफ्तों में सोया तेल और पाम तेल के बीच का अंतर 350 डॉलर प्रति टन से अधिक हो गया है, जिससे रिफाइनर के लिए पाम तेल की खरीद ज्यादा आसान हो गई है. एक ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म के मुंबई के एक डीलर ने कहा, “अगस्त में, पाम तेल का आयात 700,000 टन से अधिक हो सकता है. कीमतों में सुधार के बाद जुलाई में भारी खरीदारी हुई.”