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भारत ने पड़ोसी देशों के लिए बढ़ाया मदद का हाथ, खाद्य संकट से जूझ रहे देशों को भेजा 3.70 लाख टन गेहूं

भारत ने सरकार-से-सरकार (जी-2-जी) प्रणाली के तहत अगस्त की शुरुआत तक 3,70,000 टन गेहूं दूसरे देशों को निर्यात किया है. इस प्रणाली का तात्पर्य भारतीय सरकार सीधे किसी दूसरे देश की सरकार से समझौता है. यहां बिचौलियों के रूप में निजी आयातकों व निर्यातकों को हटा दिया गया है. मनीकंट्रोल की खबर के अनुसार, कई देशों से अब भी मांग बनी हुई है.

बता दें कि सरकार ने 13 मई को तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी. इसके साथ गेहूं के उत्पादों जैसे आटा, मैदा व होलमील आटा आदि का निर्यात भी रोक दिया गया था. दरअसर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश मेंलू के कारण गेहूं की फसलों को हुए नुकसान के बाद सरकार का यह फैसला आया था. कई मामलों में गेहूं खाने लायक भी नहीं रह गया था. हालांकि, सरकार ने कूटनीतिक स्तर पर इसका निर्यात रखा और वैश्विक खाद्य संकट से निपटने में मदद के लिए आग्रह के आधार पर निर्यात किया.