देश आज आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा है. ऐसे कई लोग होंगे जो जिन्होंने आजाद भारत के पहले दिन अपनी आंखें खोली होंगी. उन लोगों को इनकम टैक्स विभाग कई सुविधाएं देता है. अगर आप भी इस साल 75 वर्ष के हो गए हैं तो ये लेख आपके लिए ही है.
टैक्स विभाग 75 वर्ष या उससे अधिक आयुवर्ग के लोगों को आईटीआर भरने से छूट देता है. यानी आपको टैक्स संबंधी कागजी कार्रवाई के झंझट से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा पुरानी टैक्स प्रणाली के अनुसार, 75 वर्ष से अधिक के लोगों के लिए आयकर भरने के लिए न्यूनतम आय के दायरे को भी अधिक रखा गया है. हालांकि, इसके पीछे बहुत सारी शर्ते हैं जिनके बारे में हम विस्तार से बात करेंगे.
पिछले साल के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह ऐलान किया था कि 75 साल या इससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट मिलेगी. इसके अलावा पुरानी टैक्स प्रणाली के अनुसार, अगर आप 75-79 साल के बीच के हैं तो 3 लाख तक की सालाना आय पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. 80 साल के लोगों के लिए यह बढ़कर 5 लाख रुपये हो जाता है.
किन शर्तों को करना होता है पूरा
भले ही 75 वर्ष के लोगों को आईटीआर भरने से छूट मिल रही है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें टैक्स नहीं भरना होगा. इसके अलावा सरकार ने कुछ शर्तें रखी हैं जिन्हें पूरा करने के बाद ही आपको आईटीआर भरने से छुटकारा मिलेगा. पहली शर्त यह की आप भारत के नागरिक होने चाहिए. दूसरी शर्त यह की आपकी आय केवल पेंशन या ब्याज से आनी चाहिए. तीसरी शर्त की ये दोनों ही आय एक ही बैंक में आनी चाहिए. अंत में आपके बैंक की तरफ से इसे सत्यापित किया जाना चाहिए.
मेडिकल खर्चों पर टैक्स डिडक्शन
अगर आपकी उम्र 75 वर्ष से अधिक है और आपके पास मेडिकल इंश्योरेंस नहीं है तो आप बीमारी के समय खर्च की गई रकम पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. इसके लिए आपको बिल जमा करने होंगे. आप 1 लाख रुपये तक के खर्च को क्लेम कर सकते हैं.