इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने कहा है कि भारत के पास 25 साल बाद वर्किंग ऐज वाले लोग ज्यादा होंगे जिसका लाभ देश को मिलेगा. उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक वृद्धि को और रफ्तार मिलेगी व ज्यादा रोजगार पैदा होंगे. बकौल नीलेकणि, 2008 में उन्होंने कहा था कि भारत तेजी से बुजुर्ग होती दुनिया का एकमात्र युवा देश होगा और 2015-16 में चीन बूढ़ा होने लगेगा. उन्होंने कहा कि बिलकुल वैसा ही हो रहा है.
उन्होंने ये बातें मनीकंट्रोल के साथ एक इंटरव्यू में कहीं. उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में काफी बेहतर स्थिति में है. नीलेकणि ने पिछले एक दशक के दौरान देश के कई बड़े प्रोग्राम्स पर काम किया. इसमें आधार पहचान पत्र, यूपीआई, फास्टैग, जीएसटी और ओएनडीसी शामिल हैं. इसलिए उन्होंने भारत का चीफ टेक्निकल ऑफिसर भी कहा जाता है. नीलेकणि सरकार के समर्थन वाली लगभग सभी तकनीक और गवर्नेंस प्रोग्राम के केंद्र में रहे हैं.
25 साल बाद वर्किंग लोग सबसे ज्यादा
नीलेकणि ने कहा कि भारत को डेमोग्राफिक डिविडेंड यानी जनसांख्यिकी लाभ मिलेगा. 25 साल बाद देश के पास युवा और बुजुर्ग से ज्यादा वर्किंग एज के लोग होंगे. उन्होंने कहा कि अगर हम अधिक रोजगार पैदा करते हैं तो कई साल तक ग्रोथ जारी रहेगी और गरीबी में निश्चित तौर पर कमी आने के साथ रहन-सहन बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि अगले 25 साल में भारत असंगठित से संगठित हो जाएगा.
भारत के पक्ष में है भू-राजनीतिक परिस्थितियां
नंदन नीलेकणि ने कहा है कि अगले एक से दो दशक में अधिक से अधिक लोग गरीबी से बाहर आ जाएंगे. वैश्विक भू-राजैनतिक परिस्थितियां भारत के पक्ष में हैं. बकौल नीलेकणि, “हमें बस ठीक से काम करते रहना है और यह सुनिश्चित करना है कि लोगों की आकांक्षाओं को वास्तव में पूरा किया जाए.”
इन्फोसिस ने लौटाए 3.1 अरब डॉलर
नंदन नीलेकणि ने बताया कि बीते साल इन्फोसिस ने अपने शेयरधारकों को 3.1 अरब डॉलर की पूंजी लौटाई. बकौल नीलेकणि जब वह चेयरमैन बने थे तो यह आंकड़ा 2 अरब डॉलर था. अगले 5 साल तक कंपनी से जुड़े रहने को लेकर उन्होंने कहा कि जब तक जरूरत होगी वह इन्फोसिस के साथ ही बने रहेंगे और कहीं नहीं जाएंगे.