अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने यह कहकर दुनियाभर के बाजारों में तहलका मचा दिया कि महंगाई के काबू में आने तक ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रहेगी. इसके बाद शेयर बाजार में गिरावट के साथ आज मुद्रा विनिमय बाजार में भी रुपये पर खास दबाव दिख रहा है.
फॉरेक्स बाजार में सोमवार सुबह डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 24 पैसे गिरकर रिकॉर्ड 80.11 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गई. रुपया पिछले कारोबारी सत्र में 79.87 के स्तर पर बंद हुआ था. इससे पहले रुपये का सबसे निचला स्तर 80.06 प्रति डॉलर था, जो पिछले महीने यानी जुलाई में पहुंचा था. अगर साल 2022 की बात की जाए तो अभी तक डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में 7 फीसदी की बड़ी गिरावट आ चुकी है.
विशेषज्ञ बोले, क्या जल्दबाजी में लिया फैसला
फॉरेक्स (Forex) बाजार के जानकारों का कहना है कि फेड रिजर्व के मुखिया ने इस बार लगता है कि जल्दबाजी में फैसला किया है. उन्होंने महज 8 मिनट के भाषण में सिर्फ एक बात पर जोर दिया कि महंगाई दर 2 फीसदी तक आने तक ब्याज दरें बढ़ती रहेंगी. यह कारोबार और मकान खरीदारों के लिए बुरी खबर है और इसका असर सभी सेक्टर पर दिखेगा. यही कारण है कि आज अमेरिका, यूरोप और एशिया के ज्यादातर शेयर बाजारों में गिरावट का माहौल है.
डॉलर 20 साल की ऊंचाई पर
ग्लोबल मार्केट में भारतीय मुद्रा ही नहीं यूरो, पाउंड जैसी मुद्राओं पर भी भारी दबाव है और इनका रेट रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला गया है. अमेरिकी डॉलर अभी 20 साल के हाई लेवल पर है, जबकि एशियाई मुद्राएं आज 0.50 फीसदी तक गिरावट के साथ ट्रेडिंग कर रही हैं. चीन की मुद्रा यूआन 2 साल के निचले स्तर पर चली गई है, जबकि भारतीय रुपया 79.70 से 80.30 रुपये के बीच ट्रेडिंग कर रहा है.