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देश में राजनीतिक दलों की संख्या कितनी है? कितने दल गंभीरता से लड़ते हैं चुनाव

देश में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक पार्टियों (Political Parties in the Country) की बाढ़ सी आ गई है. वैसे तो किसी शख्स से अगर पूछा जाएगा तो वह दिमाग पर जोर देने के बाद भी 20 से अधिक राजनीतिक पार्टियों के नाम नहीं ले सकेगा, लेकिन आपको बता दें कि देश में इस समय 2800 राजनीतिक पार्टयां (2800 Political Parties) चुनाव आयोग (Election Commission) के वेबसाइट पर पंजीकृत हैं. देश में चुनावी बॉन्ड (electoral bonds) आने के बाद राजनीतिक दलों की संख्या में 300 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ा है. पिछले दिनों ही देश में अवैध तरीके से चंदा वसूली के मामले को लेकर आयकर विभाग (Income Tax Department) ने देश के 111 छोटे रजिस्‍टर्ड राजनीतिक दलों के 160 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी.

आपको बता दें कि साल 2001 तक चुनाव आयोग में 694 राजनीतिक दल ही रजिस्टर्ड थे. लेकिन, देश में चुनावी बॉन्ड की सुविधा साल 2018 में शुरू होने के बाद अब इसकी संख्या अब 2800 तक पहुंच गई है. चुनावी बॉन्ड सुविधा शुरू होने के बाद राजनीतिक दलों को चंदे की सुविधा प्राप्त है.

कितने दल भारत में पंजीकृत हैं?
देश में इस समय केवल छह ही राजनीतिक दल कांग्रेस, बीजेपी, एनसीपी, टीएमसी, बीएसपी और सीपीएम को ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है. हालांकि, देश में रजिस्टर्ड 2800 पार्टियों में से 2200 पार्टियां ऐसी हैं, जो अभी तक कोई चुनाव ही नहीं लड़ा. अभी कुछ दिन पहले ही चुनाव आयोग ने ऐसे 87 गैर मान्यता प्राप्त दलों की लिस्ट से हटा दिया था. देश में 60 ही दल ऐसे हैं, जो मान्यताप्राप्त हैं.

कितने दलों पर हो सकती है कार्रवाई
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने ऐसे 2100 दलों पर कार्रवाई करने की सिफारिश की है, जिन्होंने चुनाव आयोग को चंदा का ब्यौरा अभी तक नहीं दिया है. साल 2018 के बाद चुनावी बॉन्ड के तहत पार्टियों को नकद चंदा लेने की सीमा 20 हजार से घटा कर 2000 रुपये कर दी गई थी. चुनावी बॉन्ड में 10 हजार से लेकर एक करोड़ रुपये तक चंदा चुनावी बॉन्ड के तहत ही लिया जा सकता है, जिसे गोपनीय रखा जाता है.