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अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले के साथ कौन से फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल, समझिए मार्केट ट्रेंड

शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह ब्याज दर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय दी. इसके अलावा, शेयर बाजार में विदेशी पूंजी की आवक और कच्चे तेल के रुझान से भी प्रमुख शेयर सूचकांक प्रभावित होंगे.

स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ”अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े के बाद वैश्विक बाजार घबराए हुए दिख रहे हैं. इस वजह से डॉलर सूचकांक 110 के आसपास पहुंच गया है.” कारोबारियों की नजर अब अमेरिकी संघीय मुक्त बाजार समिति (एफओएमसी) की आगामी बैठक के नतीजे पर है. मीणा ने कहा कि बैंक ऑफ इंग्लैंड भी ब्याज दर पर फैसले की घोषणा करेगा.

विदेशी निवेशकों की भूमिका अहम
उन्होंने आगे कहा कि संस्थागत निवेशक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, क्योंकि विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी बाजार में विक्रेता बन गए हैं. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के शोध उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा, ”किसी भी प्रमुख घरेलू डेटा और घटनाओं के अभाव में, प्रतिभागियों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक पर होगी. इसके अलावा, विदेशी आवक पर भी उनकी नजर रहेगी.”

अभी गिरावट का रूख
पिछले हफ्ते सेंसेक्स 952.35 अंक यानी 1.59 फीसदी टूटा, जबकि निफ्टी 302.50 अंक यानी 1.69 फीसदी टूटा. सेंसेक्स शुक्रवार को 1,093.22 अंक या 1.82 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,840.79 पर बंद हुआ था. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मजबूत व्यापक आर्थिक आंकड़ों के बावजूद घरेलू बाजार में बांड प्रतिफल और डॉलर सूचकांक की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण शेयर बाजारों में गिरावट हुई.

बीते सप्ताह 10 सबसे अधिक मूल्यवान कंपनियों में छह का मार्केट कैप 2,00,280.75 करोड़ रुपये घट गया. इनमें सबसे अधिक नुकसान टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इंफोसिस को हुआ. पिछले हफ्ते सेंसेक्स 952.35 अंक यानी 1.59 फीसदी गिरा था. इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंफोसिस और एचडीएफसी के बाजार पूंजीकरण में कमी हुई. दूसरी ओर आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, अडाणी ट्रांसमिशन और बजाज फाइनेंस को फायदा हुआ.