सरकार ने डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) में वृद्धि करने की घोषणा की है. इसके अलावा घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर भी शुल्क को बढ़ा दिया गया. वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक अधिसूचना में इस वृद्धि की जानकारी दी. अब डीजल के निर्यात पर लगने वाला अप्रत्याशित लाभ कर 10.50 रुपये प्रति लीटर हो गया है. इसमें 1.50 रुपये का सड़क एवं इंफ्रास्ट्रक्चर सेस भी लगेगा. यानी डीजल के निर्यात पर कुल टैक्स अब 12 रुपये प्रति लीटर हो गया है. जबकि एटीएफ पर अब यह टैक्स 3.50 रुपये प्रति लीटर लगेगा.
वहीं, घरेलू स्तर पर निकाले गए कच्चे तेल पर शुल्क को 3,000 रुपये तक बढ़ाकर 11,000 रुपये प्रति टन करने की घोषणा की गई. नई दरें रविवार यानी आज से लागू हो जाएंगी. इससे पहले लगातार दो समीक्षा बैठकों में विंडफॉल टैक्स में कटौती की गई थी. 2 अक्टूबर को केंद्र ने डोमेस्टिक क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स को घटाकर 10,500 रुपये प्रति टन से घटाकर 8,000 रुपये प्रति टन कर दिया था. फ्यूल जेट के निर्यात पर यह टैक्स खत्म और डीजल के निर्यात पर इसे आधार कर दिया गया था. हालांकि, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हाल में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए इस बार कच्चे तेल, डीजल और एटीएफ पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया गया.
इन कंपनियों पर होगा असर
निजी रिफाइनरी कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी देश से डीजल और एटीएफ के प्रमुख निर्यातकों में शामिल हैं जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी एवं निजी क्षेत्र की वेदांता लिमिटेड घरेलू स्तर पर कच्चे तेल का उत्पादन करती हैं. पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर सबसे पहले एक जुलाई 2022 को लगाया गया था. गौरतलब है पेट्रोल से यह टैक्स पहले ही हटा दिया गया है.