छत्तीसगढ़

देश के लिए कड़े फैसले लेने वाली सरकार मनोज कुमार अग्रवाल

नवम्बर 2016 में 500 व 1000 के नोट किये बंद
जुलाई 2017 मंे एक देश एक टैक्स के तहत लागू की जीएसटी

उरी पर आतंकी हमले का सर्जिकल स्ट्राइक से दिया जवाब
ऽतीन तलाक पर बिल पास कराकर मुस्लिम महिलाओं को दी राहत

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व ने देश को कई बार अपने कुशल नेतृत्व, साहसिक फैसलों और दृढ़ता भरे लीक से हटकर किए गए क्रिया कलापांे से आत्म गौरवान्वित महसूस करने का अवसर दिया। इसकी पुख्ता शुरुआत आठ नवंबर, 2016 को हुई जब पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के बंद होने की घोषणा की। हालांकि, इन्हें बैंक में जमा करने की छूट दी गई। इसके ऐवज में सरकार ने 500 और 2000 के नए नोट जारी किए। इस फैसले का सीधा असर आम इंसान पर पड़ा। बेपटरी हुई गाड़ी धीरे-धीरे पटरी पर आई।
केंद्र सरकार के इस फैसले के कारण लोगों में कम से कम नकदी रखने के साथ ही डिजिटल मनी की शुरुआत हुई। लेन-देन के लिए डिजिटल ट्रांजेक्शन का दायरा बढ़ा।दोनों को बदलने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद एटीएम से पैसे निकालने या बैंकों में लाइन लगने के मामलों में कमी आई। लोगों ने नेटबैंकिंग और यूपीआई ट्रांजेक्शन को अपनाना शुरू किया। शुरुआत कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ा लेकिन इस के परिणाम बेहतर आए। इस कदम से कश्मीर में नकली करेंसी भेज कर पत्थरबाजी करा रहे पडोसी देश की गतिविधियों को नियंत्रित करने में सफलता मिली। आतंकवाद से निपटने के लिए यह कदम रामबाण साबित हुआ।
1 जुलाई, 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक देश, एक टैक्स नीति के तहत जीएसटी लागू किया। इसके जरिए उन छोटे-छोटे टैक्स को खत्म कर दिया जिसे राज्य सरकार लगाती थी। नई नीति के तहत मिलने वाला टैक्स दो हिस्सों में बंटता है, 50 फीसदी केंद्र को जाता है और 50 फीसदी राज्य सरकार के पास जाता है।
मोदी सरकार का तीसरा सबसे बड़ा असरदार फैसला सर्जिकल स्ट्राइक का रहा। प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले को देश की जनता ने जितना सराहा विपक्ष ने उतने ही सवाल उठाए लेकिन विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी। देश की आजादी के बाद पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए भारत ने पाकिस्तान में घुसकर उसे मुंहतोड़ जवाब दिया। 28 सितम्बर 2016 और 26 फरवरी 2019 को हुई सर्जिकल स्ट्राइक ने विश्व की महाशक्तियों के बीच भारत के बारे में राय बदलने को मजबूर कर दिया। इससे एक बड़ा फायदा देश को मिला कि आज का भारत सिर्फ बयानबाज नेतृत्व वाला नहीं है, यह जरूरत पड़ने पर वार भी कर सकता है। इससे भारत की बात अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में गंभीरता से सुनी जाने लगी। उधर जनता में भी मोदी सरकार की छवि बेहतर बनी और लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार 2.0 की वापसी हुई।
मोदी सरकार का एक और फैसला देश के अल्पसंख्यक मुसलमान समुदाय की आधी आबादी यानि महिलाओं के जीवन में सुख शांति व सम्मान लेकर आया। यह था तीन तलाक पर बिल पास कराने का। यह फैसला मुस्लिम महिलाओं के लिए बड़ा बदलाव लेकर आया। केंद्र के इस फैसले के कारण मुस्लिम महिलाओं को तीन बार तलाक कहकर उनसे सम्बंध को खत्म करने की प्रथा को गैर-कानूनी करार दे दिया गया।
मोदी सरकार का एक और कड़ा फैसला संविधान की धारा 370 की समाप्ति का रहा। यह फैसला मील का पत्थर साबित हुआ। इस धारा के हटने के बाद राज्य को मिले सभी विशेषाधिकार खत्म हो गए। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर दो केंद्रशासित प्रदेश में बंट गया- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। धारा 370 के हटने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में उन सभी कानून और योजनाओं को लागू किया गया जिसका फायदा देश के दूसरे राज्यों को मिल रहा है।वहां भी आरीटीआई, मनरेगा जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने की पहल हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर केन्द्र सरकार ने 10 जनवरी, 2020 को नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किया गया। यह अधिनियम भारत के पड़ोसी देश से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देता है। हालांकि इस अधिनियम के लागू होने पर मुस्लिम कम्युनिटी में कई तरह भ्रम भी फैले। मोदी व सरकार के विरोधी लोगों व दलों द्वारा कुप्रचार किया गया जैसे उन्हें देश से बाहर निकाल दिया जाएगा। जबकि अधिनियम में ऐसा कुछ भी नहीं था। इसके बाद लम्बे समय से भारत में रह रहे ऐसे प्रवासियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हुआ। इन्हें सरकारी आंकड़ों में जगह मिली।
बैंकों के विलय का फैसला भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की कुशलता का ही नतीजा है। 1 अप्रैल, 2020 को मोदी सरकार ने देश के 10 सरकारी बैंकों का विलय करके 4 बड़े बैंक बनाने की घोषणा की। सरकार ने इसके ऐवज में बढ़ते एनपीए से राहत दिलाने और उपभोक्ताओं को बेहतर बैंकिंग सुविधाएं देने की बात कही। नए निर्णय के अनुसार विलय होने वाले बैंकों में ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक, सिंडिकेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक शामिल रहे। यह एक क्रांतिकारी बदलाव है। बैंको के विलय से उनका खर्च कम हो गया। बैंक का प्रॉफिट बढ़ा। ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए बैंकों ने कदम उठाए।
इसके अलावा भी नरेंद्र मोदी व उनकी सरकार ने अनेक ऐसे कदम उठाए जिससे आम लोगों को राहत मिली। रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में 100 फीसदी और डिफेंस में 49 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी गयी। डिजिटल इंडिया आइडिया के तहत ग्रामीण स्तर पर शिक्षा और टेलीमेडिसिन जोड़ने के लिए ब्रॉडबैंड योजना की शुरुआत की गई।