रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से रेपो रेट में इजाफा करने के बाद कई बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी करते हुए कर्ज महंगा कर दिया है. अब इस सूची में एक और बैंक का नाम जुड़ गया है. दरअसल, प्राइवेट सेक्टर के आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) ने अपने ग्राहकों को जोरदार झटका दिया है. बैंक ने विभिन्न अवधि वाले कर्ज के लिए मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) में वृद्धि की घोषणा की है.
बैंक की नई दरें 8 अक्टूबर, 2022 से लागू हो गई हैं. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की बेस रेट 9.50 फीसदी हो गई है. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के लिए एक दिन से 6 महीने की अवधि के एमसीएलआर 8.05 से 8.75 फीसदी के रेंज में हैं.
बढ़ जाएगी आपकी ईएमआई
एमसीएलआर में बढ़ोतरी के साथ टर्म लोन पर ईएमआई बढ़ने की उम्मीद है. ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होती है. ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं.
क्या होता है MCLR?
गौरतलब है कि एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं. उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे.
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.5 फीसदी बढ़ाकर 5.9 फीसदी की, 3 साल के उच्च स्तर पर
हाल ही में आरबीआई ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट 0.5 फीसदी बढ़ाकर 5.9 फीसदी कर दी. यह इसका 3 साल का उच्च स्तर है. खुदरा महंगाई को काबू में लाने और विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर में आक्रामक वृद्धि से उत्पन्न दबाव से निपटने के लिए आरबीआई ने यह कदम उठाया है. इससे पहले, मई में 0.40 फीसदी वृद्धि के बाद जून और अगस्त में 0.50-0.50 फीसदी की वृद्धि की गई थी. कुल मिलाकर मई से अब तक आरबीआई रेपो रेट में 1.90 फीसदी की वृद्धि कर चुका है.