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IMF ने घटाया भारत का GDP ग्रोथ अनुमान, फिर भी बना रहेगा सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश

अतंरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2022 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है. वहीं, आईएमएफ का मानना है कि 2023 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.1 फीसदी की दर से बढ़ेगी. वृद्धि दर का अनुमान घटाए जाने के बावजूद भारत सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली इकोनॉमी बना रहेगा. आईएमएफ ने कहा है कि दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका (1.6 फीसदी), चीन (3.2 फीसदी) और यूरो एरिया (3.1 फीसदी) की ग्रोथ रेट 2022 में सुस्त बनी रहेगी. इंटरनेशनल फंड के अनुसार, वैश्विक मुद्रास्फीति इस साल 9.5 फीसदी तक जाकर नीचे आना शुरू होगी और 2024 तक 4.1 फीसदी पर आ जाएगी.

आपको बता दें कि इससे पहले जुलाई में आईएमएफ ने अनुमान लगाया था कि 2022 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर का 7.4 फीसदी रहेगी. अंतरराष्ट्रीय संस्था का कहना है कि यह अनुमान दूसरी तिमाही में आउटपुट उम्मीद से कम रहने और बाहरी मांग में कमजोरी बने रहने के कारण घटाया गया है. इससे पहले विश्व बैंक ने भी 2022-23 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान के 1 फीसदी घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया था. विश्व बैंक ने खराब होती वैश्विक परिस्थितियों को इसका कारण बताया था.

भारत ने अन्य अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर किया
विश्व बैंक ने ग्रोथ रेट का अनुमान भले घटा दिया हो लेकिन दक्षिण एशिया में उसके मुख्य अर्थशास्त्री हांस टिम्मर ने कहा था कि भारत ने दक्षिण एशिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा, “भारत पूरी दुनिया से बेहतर कर रहा है. भारत में, विशेषकर सेंट्रल बैंक के पास काफी रिजर्व है. जो कि काफी मददगार साबित होगा.” टिम्मर ने कोविड-19 संकट को सक्रियता से संभालने के लिए भी भारतीय सरकार की सराहना की थी.

आरबीआई का अनुमान है अधिक
विश्व बैंक और आईएमएफ ने भारत की वृद्धि का जो अनुमान लगाया है वह आरबीआई के अनुमान से काफी कम है. केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 23 में जीडीपी के 7.2 फीसदी के दर से बढ़ने का उम्मीद जताई है. हाल में हुई एमपीसी की बैठक के बाद भी आरबीआई ने इसमें कोई बदलाव नहीं किया. हालांकि, बैंक ने भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक अर्थव्यवस्था में धीमेपन के कारण होने वाले नकारात्मक प्रभावों से जरूर सतर्क रहने के लिए कहा है.