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केंद्र सरकार ने दाखिल किया हलफनामा, अग्निपथ पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई कल

दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है. जिसमें केंद्र सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को हर समय युवा और फिट रखने के लिए उसकी अग्निपथ योजना शुरू की गई है. केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और डिफेंस को और अधिक “मजबूत, अभेद्य बनाने के लिए अपने संप्रभु कार्य के अभ्यास में शुरू की गई सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए योजना में कोई कानूनी कमी नहीं है.

केंद्र का कहना है कि अग्निपथ योजना की न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित है. केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के बताया है कि अग्निपथ योजना एक नई योजना है, जो तीन सेवाओं में भर्ती करती है. इस योजना को सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय के तहत लागू किया गया है. केंद्र सरकर ने हलफनामे में कहा कि रैलियों के माध्यम से चयनित उम्मीदवारों द्वारा लगाए गए भेदभाव के आरोप गलत हैं. केंद्र ने बताया कि रैलियां चुनिंदा ट्रेडों जैसे ऑटो टेक, IAF (पुलिस), IAF (सुरक्षा), चिकित्सा सहायक, चिकित्सा सहायक (फार्मासिस्ट), व्यवस्थापक सहायक (खानपान) और शिक्षा प्रशिक्षक ट्रेडों के लिए आयोजित की जाती हैं.

केंद्र सरकार द्वारा दायर हलफनामे में भर्ती प्रक्रिया को लेकर कहा गया है कि स्टार परीक्षा और रैलियों के तहत होने वाली भर्ती की प्रक्रिया अलग होती है और एक-दूसरे से स्वतंत्र होती है. केंद्र का कहना है कि इस योजना कानूनी रूप से ज्यादा उपयुक्त है. इस योजना से सेना पर कम भार पड़ेगा क्योंकि रिगुलर काडर में जिन अग्निवीरों को चयन नहीं हो पाएगा वे बाहर निकल जाएंगे और उनके पास दूसरे करियर विकल्प के लिए बेहतर मौका होगा.

केंद्र सरकार ने बताया कि अग्निवीरों 4 वर्ष के कार्यकाल के दौरान हर साल केवल 30 दिन का वार्षिक अवकाश अधिकृत है. कोई आकस्मिक अवकाश अधिकृत नहीं है. इसके अलावा चिकित्सा सलाह के आधार पर बीमारी की छुट्टी दी जाएगी. बता दें कि याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में कल मामले की सुनवाई होगी.