बढ़ती महंगाई और उस पर नियंत्रण पाने के लिए ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी से दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है और आर्थिक मंदी की आशंका गहराती जा रही है. चूंकि मंदी का सीधा असर देश की इकोनॉमी पर पड़ता है इसलिए शेयर बाजार समेत अन्य एसेट क्लास में निवेश प्रभावित होता है. ऐसे में आम निवेशकों के मन में सवाल रहता है कि आखिर इस वक्त में सुरक्षा के लिहाज से निवेश कहां किया जाए.
मंदी के दौरान इक्विटी और रियल एस्टेट मार्केट बुरी तरह प्रभावित होता है. इसलिए आमतौर पर निवेशक यहां से पैसा निकालना शुरू कर देते हैं और सुरक्षित विकल्पों में निवेश की संभावना को तलाशते हैं. आइये जानते हैं उन जोखिम रहित और फिक्स्ड रिटर्न वाले ऑप्शन के बारे में..
बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट
बढ़ती महंगाई और उस पर नियंत्रण पाने के लिए ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी से दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है और आर्थिक मंदी की आशंका गहराती जा रही है. चूंकि मंदी का सीधा असर देश की इकोनॉमी पर पड़ता है इसलिए शेयर बाजार समेत अन्य एसेट क्लास में निवेश प्रभावित होता है. ऐसे में आम निवेशकों के मन में सवाल रहता है कि आखिर इस वक्त में सुरक्षा के लिहाज से निवेश कहां किया जाए.
मंदी के दौरान इक्विटी और रियल एस्टेट मार्केट बुरी तरह प्रभावित होता है. इसलिए आमतौर पर निवेशक यहां से पैसा निकालना शुरू कर देते हैं और सुरक्षित विकल्पों में निवेश की संभावना को तलाशते हैं. आइये जानते हैं उन जोखिम रहित और फिक्स्ड रिटर्न वाले ऑप्शन के बारे में..
बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड सरकार समर्थित निवेश स्कीम है. पीपीएफ पर वर्तमान ब्याज दर 7.1 फीसदी है. इस योजना की अवधि 15 साल होती है और हर साल अधिकतम डेढ़ लाख रुपये निवेश किया जा सकता है. बैंक एफडी की तरह, पीपीएफ नियमित बचत बैंक खाते की तुलना में बहुत अधिक ब्याज दर प्रदान करता है.
पीपीएफ स्कीम लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों के लिए सबसे बेहतर है. चूंकि इसका निवेश बाजार से जुड़ा नहीं है इसलिए इसमें सुनिश्चित रिटर्न मिलता है. इसके अलावा इस अकाउंट को विस्तारित यानी 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ाने की सुविधा भी मिलती है. ऐसे में आप इसे 15 साल के बजाय 25 वर्ष तक जारी रख सकते हैं.