मोदी सरकार (Modi government) संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session of Parliament) में बिजली संशोधन विधेयक- 2022 (Electricity Amendment Bill- 2022) पेश कर सकती है. हालांकि, बिजली क्षेत्र में कार्यरत इंजीनियरों का संगठन (Engineers Federation) ‘ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन’ (AIPEF) सहित कई और संगठन और कई विपक्षी दल (Opposition Parties) बिजली (संशोधन) विधेयक- 2022 का विरोध कर रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि इस विधेयक के पास होने जाने के बाद ग्राहकों के साथ-साथ कर्मचारियों की भी अनदेखी होगी. आपको बता दें कि संसद की स्थायी समिति इस विधेयक को लेकर कई बैठकें कर चुकी है. इस बीच 23 नवंबर को राजधानी दिल्ली में बिजली संशोधन विधेयक को लेकर विरोध प्रदर्शन होने वाले हैं.
एआईपीईएफ के प्रवक्ता वीके गुप्ता कहते हैं, ‘बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 के मसौदे को अंतिम रूप देते समय उपभोक्ता और बिजली क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी और इंजीनियरों की उपेक्षा की गई. इस संशोधन विधेयक के जरिए केंद्र सरकार बिजली वितरण हेतु निजी घरानों को सरकारी बिजली वितरण के नेटवर्क के जरिए बिजली आपूर्ति करने की सुविधा देने जा रही है. इसलिए एआईपीईएफ ने मांग की है कि केंद्र सरकार ग्राहकों, कर्मचारियों के साथ-साथ इंजीनियरों के हितों का भी ध्यान रखे’
संसद के शीतकालीन सत्र में पेश होगा बिजली संशोधन विधेयक?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बिजली संशोधन बिल का विरोध करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है. केजरीवाल ने कहा, ‘बिजली संशोधन बिल लाया जा रहा है. ये कानून बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छा नहीं है. इससे देश में बिजली की समस्या सुधरने की बजाय और गंभीर हो जाएगी. साथ ही आम लोगों की तकलीफें भी बढ़ेंगी. इस संशोधन विधेयक से केवल चंद कंपनियों को ही फायदा होगा. मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि इसे जल्दबाजी में ना लाया जाए.’
क्यों बिल का विरोध शुरू हो गया है?
गौरतलब है कि बिजली (संशोधन) विधेयक में प्रस्तावित वितरण पंजीकरण के साथ वितरण लाइसेंस की प्रक्रिया में भी बदलाव का प्रस्ताव किया गया है. बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के द्वारा इस संशोधन विधेयक का विरोध किया जा रहा है. इन लोगों का कहना है कि अगर बिजली कर्मचारियों और आम उपभोक्ताओं की सहमति के बगैर ‘बिजली (संशोधन) विधेयक-2022’ संसद में पास होता है तो पूरे देश में आंदोलन शुरू हो जाएगा. इस बिल के विरोध तथा पुरानी पेंशन बहाली योजना लागू करने हेतु बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों का 23 नवंबर को दिल्ली में प्रदर्शन होने जा रहा है.
बिजली कर्मचारियों की ये है मांग
इस रैली में बिजली क्षेत्र से जुड़े कई संगठनों के द्वारा आउटसोर्सिंग समाप्त कर संविदा कर्मियों को नियमित करने का मुद्दा भी उठेगा. यह रैली रामलीला मैदान से शुरू होगा और जंतर मंतर पर जा कर खत्म हो जाएगा. कई संगठनों के साथ-साथ नोएडा स्थित ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने कहा है कि इसी साल अगस्त में लोकसभा ने इलेक्ट्रीसिटी (संशोधन) बिल 2022 को संसद की ऊर्जा मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया है, लेकिन स्टैंडिंग कमेटी ने अभी तक बिजली कर्मचारियों और आम उपभोक्ताओं से इस पर कोई चर्चा नही की है.