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देश की पहली रैपिड ट्रेन चलाने वाले ड्राइवरों की खास ट्रेनिंग शुरू, सामान्‍य ट्रेन ड्राइवर से अलग है इनकी ट्रेनिंग

नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने देश की पहली रैपिड रेल चलाने वाले ऑपरेटर्स ( ड्राइवर) को ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है. इन आपरेटर्स की ट्रेनिंग सामान्‍य ट्रेन ड्राइवरों से अलग है. प्राथमिक खंड साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी लंबे पर मुख्य ट्रायल रन से पहले ट्रेन ऑपरेटर्स को वर्चुअल ट्रैक पर रैपिड रेल दौड़ा ट्रेंड किया जा रहा है, जिससे ऑपरेटर्स को वास्तविक समय और स्थिति में बेहतर ढंग से ट्रेन चला सकें.

एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स के अनुसार ट्रेन आपरेटर्स को वर्चुअल ट्रेनिंग देने के बाद दूसरे चरण में दुहाई डिपो में 700 मीटर लंबे ट्रैक पर छह कोच की दोनों रैपिड रेल को चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. एनसीआरटीसी की ओर से रैपिड रेल के संचालन और रखरखाव का जिम्मा जर्मनी की कंपनी को 12 सालों के लिए दी गयी है. मौजूदा समय दिया जा रहा वर्चुअल प्रशिक्षण इसी कंपनी के इंजीनियरों की देखरेख में दी जा रही है.

साहिबाबाद से दुहाई तक प्राथमिक खंड पर मार्च 2023 रैपिड रेल दौड़ने लगेगी. प्राथमिकता खंड में शुरुआत में 13 रैपिड रेल का संचालन होगा. दुहाई डिपो के यार्ड में भी 13 ट्रेनों को खड़ा करने की व्यवस्था हो चुकी है. ऐसे में प्रथम खंड में ट्रेन ऑपरेटर 13 और पूरे कॉरिडोर में 30 रैपिड रेल दौड़ाएंगे. बाकी 17 रैपिड रेल को खड़ा करने के लिए मेरठ के मोदीपुरम में यार्ड का निर्माण चल रहा है. प्राथम‍िक खंड में यात्रियों को 10 से 15 मिनट और पूरा कॉरिडोर शुरू होने पर यात्रियों को हर पांच से 10 मिनट के अंदर रेल मिलेगी

दिल्‍ली मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्‍टम के तहत करीब 82 किमी कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, इसमें गाजियाबाद में साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर पर काम प्राथमकिता के आधार पर किया जा रहा है. इस पर ट्रैक और वायडक्‍ट का काम पूरा हो चुका है. इलेक्‍ट्रीफिकेशन का काम चल रहा है. प्राथमिक खंड में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन होंगे.
रैपिड रेल कॉरिडोर पर एक नजर
साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच पांच स्टेशन बनाए जा रहे हैं.
साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक की दूरी 17 किमी. है.
रैपिड ट्रेन का गाजियाबाद स्टेशन 20 मीटर से अधिक ऊंचाई पर बन रहा है.
ट्रेन की औसत स्‍पीड 100 किमी. प्रतिघंटे की होगी.
आरआरटीएस कॉरिडोर पर प्राथमिक तौर पर चलाई जाने वाली ट्रेन 6 कोच की होगी.