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दोस्ती हो तो भारत और इजराइल जैसी! जानें LAC पर नजर रखने के लिए कैसे भारत की मदद कर रहा इजराइल

भारत और इजराइल के संबंधों से पूरी दुनिया वाकिफ है. दोनों के रिश्ते रणनीतिक साझेदार के अलावा सैन्य सहयोग पर आधारित हैं. इजराइल से भारत हाईटेक रक्षा समान खरीदता रहता है, जिससे सीमा की सुरक्षा और मजबूत हो सके. भारत और इजराइल के रक्षा सौदे को लेकर इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) में भारत के लिए मार्केटिंग के उपाध्यक्ष, एवी ब्लेसर का कहना है कि वह भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ मिलकर उनकी रक्षा जरूरतों के समाधान के लिए काम कर रहे हैं. भारत की जरुरत को समझने के लिए एवी ब्लेसर भारतीय सैनिकों के युद्ध अभ्यास में भी साथ गए थे. साथ ही ब्लेसर ने रक्षा मंत्रियों के साथ मुलाकात की, नक्सलियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) के उपयोग पर पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित किया, और एक बार आंध्र प्रदेश पुलिस में भी शामिल हुए. 2020 की गलवान घटना के बाद से ही वह चीन-भारत सीमा पर पैनी नजर रखे हुए हैं.

गलवान की घटना के बाद तैनात किया गया हेरॉन एमके 2
2020 में गलवान कि घटना के बाद से भारत ने चीन सीमा पर मानवरहित विमान ‘हेरॉन एमके’ 2 तैनात कर रखा है. यह इजराइली ड्रोन, 35 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है. 1000 किलोमीटर के दायरे को कवर कर सकता है, घने बादलों को भी देख सकता है. हेरॉन एमके 2 खराब मौसम में भी काम करता है. यह 45 घंटे तक उड़ सकता है. बताया गया है कि इसे अब लेह में तैनात किया जा रहा है. भारतीय सेना ने पिछले साल इजराइल से ‘हेरॉन टीपी’ भी लीज पर लिया. यह मानवरहित विमान इजराइल में बने उन विमानों में है जिसे जरूरत पड़ने पर हथियारों से लैश किया जा सकता है.

लगातार बढ़ रहे हैं भारत और इजराइल के रिश्ते
एवी ब्लेसर ने 1991 से बने भारत के साथ अपने संबंधों को याद किया जब वो पहली बार सिंगापुर एयर शो में एक भारतीय प्रतिनिधि मंडल से मिले थे. उन्होंने कहा कि मैं एक यूरोपीय पासपोर्ट पर यात्रा कर रहा था. तब भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने उन्हें साउथ ब्लॉक में आमंत्रित किया. जिसके 4 साल बाद रक्षा मंत्रालय ने 2 ‘सर्च सिस्टम’ के लिए इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. समय के साथ संबंध विकसित हुए और बढ़ते चले गए. भारत के इजराइल के साथ रिश्ते बढ़ते गए. इजराइली तकनीकि और उपकरणों के आयातक से लेकर भारतीय कंपनियां अब विभिन्न उपक्रमों पर IAI के साथ सहयोग कर रही हैं.

UAV के निर्माण में की भारत की मदद
इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने एक संयुक्त दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं. जिसके तहत IAI न केवल भारत को UAV (मानव रहित विमान) की पेशकश (देगा) करेगा बल्कि HAL को भारत में उनके निर्माण में भी मदद करेगा. इसके अलावा 2018 में अडानी ने हैदराबाद में हर्मीस 900 यूएवी निर्माण करने के लिए इजराइली कंपनी एबिल्ट सिस्टन के साथ हाथ मिलाया. इससे पहले 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजराइल यात्रा के बाद IAI ने भारत मे UAV के निर्माण के लिए एलकॉन सिस्टम और डायनामेटिक टेक्नोलॉजी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इस साल की शुरुआत में HAL ने इजराइल के साथ कार्गो और परिवहन क्षमताओं के साथ हवा में ईंधन भरने के लिए नागरिक यात्री विमान को बहुमिशन टैंकर परिवहन में बदलने के लिए IAI के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया है. MOU में यात्री विमानों को मालवाहक विमानों में बदलना भी शामिल है.