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चीन समेत अन्‍य बॉर्डर की सड़क निर्माण का नेतृत्‍व बीआरओ की महिला अधिकारियों के हाथ में, जानें इनके बारे में

महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, फाइटर प्‍लेन उड़ाने से लेकर बॉर्डर इलाकों में सड़क बनाने तक का काम भी बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन (बीआरओ) की महिला इंजीनियरों के हाथ में है. बीआरओ ने पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में महिलाओं को अपने टीम में शामिल किया है. महिला सशक्तिकरण को लेकर बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टीनेंट जनरल राजीव चौधरी ने न्‍यूज18 हिन्‍दी से खास बात की.

महानिदेशक ने बताया कि बीआरओ के कई महत्‍वपूर्ण प्रोजेक्‍ट की कमान महिला इंजीनियरों के हाथ में है. 28 अप्रैल 2021 को पहली बार एक ग्रेफ अधिकारी अधिशासी अभियंता (सिविल) वैशाली एस हिवासे ने भारत-चीन सीमा पर 83 सड़क निर्माण इकाई (RCC) की बागडोर संभाली. इसी तरह, अरुणाचल प्रदेश में विकास कार्यों की देखभाल के लिए अधिशासी अभियंता (सिविल) ओविंग टाकी ने 26 जुलाई 2021 को 105 सड़क निर्माण कंपनी की बागडोर संभाली.

बीआरओ ने 30 अगस्त 2021 को फिर से इतिहास रच दिया, जब प्रोजेक्ट शिवालिक की मेजर आइना ने उत्तराखंड में 75 सड़क निर्माण इकाई की कमान अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला. आरसीसी की कमान संभालने वाली पहली भारतीय सेना इंजीनियर अधिकारी हैं तथा उनके अधीन तीनों प्लाटून कमांडर, कैप्टन अंजना, सहायक अधिशासी अभियंता (सिविल) भावना जोशी और सहायक अधिशासी अभियंता (सिविल) विष्णुमाया भी महिला अधिकारी हैं. यहां तक डॉक्टर एस.ओ.-2 महिमा शर्मा आरसीसी के एमओ -2 साथ हैं, जिससे एक एक संपूर्ण महिला है.