देश

अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संगठन ने ओवरसाइट समिति को मान्यता दी, मैरीकॉम करेंगी अगुवाई

मैरीकॉम के नेतृत्व में बनी 5 सदस्यीय ओवरसाइट समिति को बनाने के 24 घंटे के अंदर ही अंतराष्ट्रीय कुश्ती संघ ने रोजमर्रा के कामकाज के लिए मान्यता दे दी हैं. अंतराष्ट्रीय कुश्ती संघ ने भारतीय कुश्ती संघ को लिखा है कि रोजमर्रा के काम के अलावा मार्च 2023 में भारत में होने वाली एशिया सीनियर कुश्ती टूर्नामेंट के लिए ओवरसाइट समिति से वो सीधा संवाद करते रहेंगे. पिछले हफ्ते ही कुछ नामी गिरामी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुश्ती संघ के अधिकारियों पर आरोप लगाए थे. इसके बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उनके साथ दो राउन्ड की बैठक की. 12 घंटे उनकी बातें सुनी. सबको आश्वस्त किया. फिर जाकर ओवरसाइट समिति का गठन हुआ, खिलाड़ी भी संतुष्ट होकर धरने से उठ गए और तब तक पीछे नहीं हटने को तैयार बृजभूषण शरण सिंह भी पीछे हट गए. लेकिन खेल मंत्रालय के लिए अंत भला तो सब भला अब तक नहीं हुआ था.

ओवरसाइट समिति बनने के 24 घंटे के भीतर ही बजरंग पूनिया और दूसरे पहलवानों ने इसके खिलाफ ट्वीट करने शुरू कर दिए. उनका आरोप है कि जिन सदस्यों को कमेटी में रखा गया हैं, उनके नाम पर शिकायतकर्ता पहलवान से मशविरा नहीं हुआ. लेकिन खेल मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि ये आरोप समझ से भी परे है. क्योंकि खुद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने घंटों उनकी बातें सुनी थी और उनका दर्द बांटा था. सूत्र बताते हैं कि भारतीय कुश्ती संघ की ओवरसाइट समिति के सभी सदस्यों के नामों की घोषणा शिकायतकर्ता पहलवानों से चर्चा के बाद ही की गई थी. सूत्र बताते हैं कि इनमें से 3 नाम तो पहलवानों की तरफ से ही आए थे. इस लिए शिकायत का कोई औचित्य नहीं है.खेल मंत्रालय के सूत्रों का मानना है कि जिस तरह से शिकायतकर्ता पहलवानों ने समिति के सदस्यों की नियुक्ति क़ो लेकर सोशल मीडिया में सवाल खड़े किए हैं, वो चौंकाना वाला है.

सूत्रों के अनुसार शिकायतकर्ता पहलवानों को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था भविष्य में किसी भी तरह की कुश्ती संघ से जुड़ी कोई भी समस्या हों तों आप मुझसे मिलकर शिकायत कर सकते हैं. आश्चर्य की बात ये है कि इतने घंटे पहलवानों की बात जब खेल मंत्री ने सुनी थी और उसके बाद भी नाराजगी रह गई थी तो सुबह उनके घर चले जाते. पहलवानों की बातें सुनने के लिए उनके घर के दरवाजे खुले थे.

एक और बात जो खेल मंत्रालय को परेशान कर रही है, वो है इन पहलवानों की ट्वीट कर शिकायत करने की टाइमिंग और साथ ही उन ट्वीट में इस्तेमाल की गई भाषा. सूत्रों का मानना है कि सभी की भाषा एक सी है, मानो कोई इन नाराज पहलवानों के पीछे है और तमाम हंगामे को हवा दे रहा है.