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भारत-चीन के व्यापार घाटे पर निर्मला सीतारमण बोलीं- ये कैंची की तरह

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने 2023-24 के लिए आम बजट पेश करने के बाद Newtork18 को पहला टीवी इंटरव्यू दिया. वित्त मंत्री ने एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी ने इस खास बातचीत में चीन के साथ भारत के व्यापार घाटे और असंतुलन को दूर करने के तरीकों को ‘कैंची’ जैसा बताया. इस विशेष इंटरव्यू में, सीतारमण से जब 2022 में व्यापार घाटे के 100 अरब डॉलर तक पहुंचने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि कोई भी देश अपने पार्टनर के साथ आयात में बढ़ोतरी करना नहीं चाहता है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “कोई भी देश नहीं चाहेगा कि किसी व्यापारिक साझेदार के साथ निर्यात कम हो और आयात बढ़े, लेकिन इस मुद्दे का जवाब दोतरफा है. एक, हमें इस बात को लेकर सचेत रहना होगा कि हर चीज का एक जगह इस्तेमाल नहीं होता है और दूसरा, उस क्षेत्र में भारत के निर्यात बाजार का विस्तार किया जाना चाहिए. तो आप देखेंगे, यह हमेशा कैंची की तरह दोतरफा होता है, जहां आपको दोनों पक्षों को देखना होगा.”

व्यापार घाटा 100 बिलियन डॉलर के आंकड़े के पार
2020 में गलवान में भारत-चीनी सेना के बीच हुए संघर्ष के बाद पहली बार, तनाव के बावजूद चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 100 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया, जबकि चीन के साथ कुल द्विपक्षीय माल व्यापार कैलेंडर वर्ष 2021 में 125 अरब डॉलर के आंकड़े को पार करते हुए 2022 में 135.98 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.

बीजिंग में भारतीय दूतावास की वेबसाइट पर इस व्यापार को लेकर दिए गए संक्षिप्त विवरण में कहा गया है, “इस सदी की शुरुआत के बाद से भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार में तेजी से हुए विस्तार के चलते चीन 2008 तक भारत के सबसे बड़े माल व्यापार भागीदार के रूप में उभरा है.”