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सुप्रीम कोर्ट को मिले 5 नए न्यायाधीश, कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र सरकार की हरी झंडी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के कॉलेजियम की ओर से पिछले साल 13 दिसम्बर को अनुशंसित नामों को केंद्र सरकार की मंजूरी के साथ ही शीर्ष अदालत को शनिवार को पांच नये न्यायाधीश मिल गये. कानून मंत्री किरेन रीजीजू (Kiren Rijiju) ने राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्तल, पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी वी संजय कुमार, पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह; और इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के न्यायाधीश मनोज मिश्रा को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किये जाने की ट्वीट के जरिये घोषणा की.जब ये न्यायाधीश अगले सप्ताह की शुरुआत में पद की शपथ लेंगे, तो शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 32 हो जाएगी. फिलहाल शीर्ष अदालत में भारत के प्रधान

न्यायाधीश (सीजेआई) सहित 27 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जबकि सीजेआई सहित इसकी स्वीकृत संख्या 34 है.

ये नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ द्वारा कॉलेजियम की सिफारिशों के बावजूद न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण में सरकार की ओर से देरी पर कड़ी टिप्पणियों के बीच आई हैं. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इन पांच नियुक्तियों का पीठ की टिप्पणी से कोई लेना-देना नहीं है और ये नियुक्तियां केंद्र द्वारा सुविचारित निर्णय के बाद की गई हैं. ऐसा रहा है इन पांच जजों का करियर-

जस्टिस पंकज मित्तल- वर्ष 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और मेरठ कॉलेज से एलएलबी पास करने के बाद, न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने 1985 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस की. जनवरी 2021 में, उन्हें जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था.

जस्टिस संजय करोल- जस्टिस करोल को 11 नवंबर, 2019 को पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. इससे पहले, उन्होंने त्रिपुरा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में कार्य किया था. जस्टिस करोल ने त्रिपुरा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पैट्रन-इन-चीफ के साथ-साथ त्रिपुरा ज्यूडिशियल अकेडमी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है. करोल का जन्म 23 अगस्त 1961 को शिमला में हुआ था.