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FD से ज्‍यादा रिटर्न पाने का भी है विकल्‍प, पैसा डूबने का नहीं खतरा, आप भी आजमाएं हाथ

छोटी बचत योजनाओं और बैंक एफडी को निवेश के लिहाज से सुरक्षित निवेश माना जाता है. पैसा डूबने का खतरा ने होने के कारण इनमें ज्‍यादा निवेश होता है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो रेट में वृद्धि करने के बाद फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (FD Rate Hike) की ब्‍याज दरों में भी इजाफा हुआ है. परंतु कम अवधि की एफडी पर बड़े बैंक अब भी 6 फीसदी के आसपास ही ब्‍याज दे रहे हैं. अगर आपको एफडी से ज्‍यादा ब्‍याज चाहिए तो निवेश का एक और सुरक्षित विकल्‍प भी उपलब्‍ध है. वह है रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाने वाले ट्रेजरी बिल (Treasury bills). भारतीय रिजर्व बैंक हर सप्‍ताह ट्रेजरी बिल जारी करता है.

ट्रेजरी बिल (T-Bills) में, पहले केवल बैंक या बड़े वित्तीय संस्थान ही निवेश कर सकते थे. लेकिन, अब रिटेल निवेशक भी निवेश की गारंटी के साथ मिलने वाले आकर्षक रिटर्न का फायदा ले सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ऑफर किए जाने वाले 364 दिन के ट्रेजरी बिल की औसत यील्‍ड 6.94 फीसदी है.

क्‍या हैं ट्रेजरी बिल?
हमें जब कर्ज लेने की जरूरत होती है तो हम बैंक के पास जाते हैं. कर्ज के बदले हम बैंक को यह वादा करते हैं कि हम उन्हें लगातार ब्याज का भुगतान करते रहेंगे और एक निश्चित समय के बाद इस पैसे (मूलधन) को वापस कर देंगे. ठीक इसी तरह से, भारत सरकार को भी सड़कें बनाने, पुल बनाने सहित मूलभूत ढांचे के निर्माण के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है. सरकार के पास पैसे की कमी होती है तो वो कर्ज लेने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के पास जाती है. सरकार के इस कर्ज को RBI बॉन्ड या ट्रेजरी बिल के रूप में नीलाम करता है. जिसे हम खरीद सकते हैं. वो कर्ज जिसे भारत सरकार 1 साल के अंदर वापस करती है उसे ट्रेजरी बिल कहा जाता है. ऐसा कर्ज जिसे सरकार कई वर्षों के बाद वापस करना चाहती है उसे बॉन्ड्स कहा जाता है. इस तरह सरकार जो कर्ज ले रही है, उस कर्ज का एक हिस्सा आप सरकार को दे रहे हैं.