शनिवार से शुरू हो रहे नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में राजकमल प्रकाशन समूह लगभग एक सौ नई किताबें रिलीज करेगा. इसके साथ ही राजकमल प्रकाशन समूह से प्रकाशित 10 हजार से अधिक किताबें मेले में उपलब्ध होंगी. हिंदी साहित्य के प्रमुख प्रकाशन समूह ने पुस्तक मेला में अपने स्टॉल को ‘जलसाघर’ नाम दिया है.
राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने बताया कि हर वर्ग के लोगों को देश-दुनिया का उत्कृष्ट साहित्य उपलब्ध कराना उनका संकल्प है. उन्होंने बताया कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में राजकमल प्रकाशन के स्टॉल ‘जलसाघर’ में विभिन्न विधाओं की हजारों किताबें उपलब्ध होंगी. पुस्तक मेला के दौरान विभिन्न लेखकों की पुस्तकों पर बातचीत के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस दौरान पीयूष मिश्रा, पुरुषोत्तम अग्रवाल, गीतांजली श्री, गगन गिल, अशोक कुमार पांडेय, नरेश सक्सेना, मृणाल पांडे, रवीश कुमार, गीताश्री, जसिंता केरकेट्टा, अलका सरावगी, सुजाता, असगर वजाहत, देवी प्रसाद मिश्र, अर्जुमंद आरा, विष्णु नागर, विनोद कापड़ी, सुमन केशरी आदि लेखक पाठकों से मुलाकात करेंगे.
क्विज खेलो, किताब पाओ
विश्व पुस्तक मेला में राजकमल प्रकाशन के स्टॉल से पुस्तकें खरीदने पर पुस्तक प्रेमियों को कैशमेमो के आखिरी अंक 75 होने पर विशेष उपहार दिया जाएगा. इसके अलावा पाठक स्टॉल पर मौजूद क्यूआर कोड को स्कैन करके क्विज खेल सकेंगे जिसके परिणाम के आधार पर उन्हें उपहार दिया जाएगा. बता दें कि राजकमल प्रकाशन की स्थापना देश की आजादी से पूर्व 28 फरवरी 1947 को हुई थी. अपनी स्थापना के 75 वर्षों पूरे होने पर राजकमल प्रकाशन 28 फरवरी को 76वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. इस अवसर पर विश्व पुस्तक मेले में राजकमल प्रकाशन की किताबों पर पाठकों विशेष छूट दी जाएगी.
हर हाथ में हों किताब
राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने कहा कि देश की आजादी की पूर्ववेला में स्थापित राजकमल प्रकाशन अपनी शुरुआत से ही श्रेष्ठ पुस्तकों के जरिए समाज को बौद्धिक और सांस्कृतिक रूप से उन्नत बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है. 75 वर्षों के अपने सफर में राजकमल ने अपने तमाम पाठक, लेखकों के सहयोग से अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं.