कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तहलका मचाया. कई देशों में अभी भी कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं जो लोग कोरोना से उबर गए हैं, उनमें अब नई स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें मिल रही हैं. इसी कड़ी में अमेरिका में रहने वाले वैज्ञानिक ने यह बताया और खुलासा किया है कि पिछले साल कोविड पीड़ितों को हार्ट अटैक और अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ा है. भारत में भी इन दिनों युवाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं. ये आंकड़े डरा देने वाले हैं. लेकिन अमेरिकी वैज्ञानिक के इस दावे में कितनी सच्चाई है. इसको लेकर डॉक्टर विशाल रस्तोगी से बातचीत की गई.
सीनियर कार्डियो एक्टिविस्ट विशाल रस्तोगी ने न्यूज18 से बातचीत में कहा कि कई दिनों से हम लोग भी यह देख रहे हैं कि युवा जो व्यायाम करते हैं या डांस करते हैं, अपनी जान गवा रहे हैं. कोरोना के बाद यह देखने में आया है कि जो सडन हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए हैं. इस स्टडी में बताया गया है कि कई लोगों में लॉन्ग कोविड के लक्षण पाए गए हैं. बता दें कि कई वैक्सीनों को भी लेकर दावा किया गया है कि लोगों में हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ा है.
विशाल रस्तोगी ने कहा कि डरने की बात निश्चित रूप से बढ़ती जा रही है. क्योंकि व्यावहारिक रूप से हर एक व्यक्ति को कोरोना हो चुका है और अगर लॉन्ग सिंड्रोम की बात करें तो अमेरिकी डाटा में बताया गया है कि संक्रमित को यह सिंड्रोम हुआ है और इससे परेशानियां बढ़ी हैं. अमेरिकी वैज्ञानिक की स्टडी में बताया गया है कि कोरोना के चलते लोगों को हार्ट अटैक आए हैं और इसमें कोई नई बात नहीं है. यह स्टडी अभी भले ही आई है. लेकिन इसे पहले भी देखा गया है और यह एक चिंता का विषय है.
लॉन्ग कोविड की प्रॉब्लम वास्तविक है और बहुत जरूरी है कि इसका बचाव किया जाए, उसके लक्षणों को समझा जाए. ना कि उसे इग्नोर किया जाए. साथ ही रेगुलर चेकअप भी कराया जाए. अगर कोई लक्षण नजर आता है तो उसका इलाज करवाएं ना कि उसे नजरअंदाज करें. क्योंकि अगर लक्षण को सही समय पर समझ लिया जाए तो इस बीमारी का इलाज भी हो सकता है. सबसे बेहद जरुरी चीज यह है कि लोगों को अपनी लाइफस्टाइल बदलनी पड़ेगी. खान-पान सही करना पड़ेगा