लोगों को ठगने के लिए साइबर क्रिमिनल नित नए तरीके अपनाते हैं. कभी वे खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों के बैंक खातों में सेंध लगाने की कोशिश करते हैं तो कभी किसी दूसरे तरीके से पैसा हड़पने का प्रयास करते हैं. साइबर अपराधियों ने अब इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) दिलाने का झांसा देकर आयकरदाताओं को चूना लगाने की फिराक में है. इनकम टैक्स रिफंड के नाम पर आज कल टैक्सपेयर्स के पास बड़े पैमाने पर फर्जी ईमेल (Income Tax Department Fake Email) और एसएसमएस आ रहे हैं. रिफंड लेने के चक्कर में अगर गलती से भी मेल में दिए गए लिंक पर क्लिक कर दिया तो आप भी बड़ी साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं.
आयकर विभाग के आधिकारिक ई-मेल और बेवसाइट से मिलते जुलते नामों से मैसेज भेजे जा रहे हैं. अगर आपके पास भी इनकम टैक्स विभाग से रिफंड लेने के लिए ऐसा ई-मेल या एसएमएस आता है तो आपको संभलने की जरूरत है. ऐसे किसी भी मेल या एसएमएस पर आंख मूंदकर विश्वास करने का मतलब अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारना है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, बड़े पैमाने पर इनकम टैक्स रिफंड देने के मैसेज भेजे जा रहे हैं. साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि ये मैसेज एक तरह का ट्रैप है. अगर कोई इसके जाल में फंस गया तो वह बड़ी ठगी का शिकार हो सकता है. टैक्स एक्सपर्ट मनोज पाहवा का कहना है कि सिर्फ ई मेल ही नहीं, आईटी रिफंड के फर्जी SMS और व्हाट्सअप के जरिए भी लोगों को फंसाने की कोशिश की जा रही है.
रहें सावधान
साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसे मैसेज पर बिल्कुल ध्यान न दें. किसी लिंक पर क्लिक न करें और ना ही कोई अटैचमेंट खोलें, क्योंकि आपकी एक छोटी से चूक से आपका बड़ा नुकसान हो सकता है. आपको यह जान लेना चाहिए कि आयकर विभाग किसी भी आयकरदाता ई-मेल या एसएमएस के माध्यम से कोई भी लिंक नहीं भेजता है.
ऐसे पहचानें फर्जी मैसेज
आने वाले ई-मेल का डोमेन नेम ध्यान से चेक करें. फेक ई-मेल में स्पेलिंग की गलतियां होंगी या फिर इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट के गलत साउंडिंग वेरिएंट्स होंगे. ई-मेल का हेडर गलत हो सकता है. इसी तरह वेबसाइट का लिंक शार्ट फार्म में हो सकता है. सबसे बड़ी पहचान यही है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से आए किसी भी मैसेज में आपको लिंक पर क्लिक करके अपनी पर्सनल जानकारी भरने को नहीं कहा जाएगा