अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए आजकल लगभग हर आदमी लोन (Bank Loan) लेता है. अचानक पैसों की जरूरत पड़ने पर शॉर्ट टर्म लोन (Short Term Loan) रुपयों का जुगाड़ करने का सबसे आसान रास्ता लगता है. लगभग सभी बैंक शॉर्ट टर्म के लिए लोन प्रोवाइड कराते हैं. आसानी से बिना किसी झंझट के मिलने वाला यह लोन लेने में जितना आसान है, चुकाने में उतने ही पसीने छुड़ाता है. इसलिए जब भी कभी इमरजेंसी में शॉर्ट टर्म लोन लेना पड़े तो जरा सोच समझकर ही लें.
पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड पर लिया गया कर्ज, ओवरड्राफ्ट और ब्रिज लोन आदि का कर्ज शॉर्ट टर्म लोन की कैटेगरी में आता है. यह अनसिक्योर्ड लोन होता है और रिपेमेंट टेन्योर छह महीने से लेकर एक साल के लिए होता है. यह लोन तुरंत अप्रूव हो जाता है. इसे लिए इसे ‘दो मिनट वाला लोन’ भी कहते हैं. इस लोन के कई जोखिम भी हैं. आज हम आपको उन्हीं के बारे में बताएंगे.
ज्यादा ब्याज
अन्य लोन की तुलना में शॉर्ट टर्म लोन बैंक ऊंची ब्याज पर देते हैं. यही कारण है कि इस ऋण लेने वाले व्यक्ति द्वारा डिफॉल्ट करने की संभावना भी अधिक होती है. ब्याज की जानकारी लिए बिना शॉर्ट टर्म लोन बहुत जोखिमपूर्ण है.
मोटी पेनल्टी
शॉर्ट टर्म लोन की किस्तें अगर आप समय पर नहीं चुकाते हैं तो बैंक बहुत ज्यादा पेनल्टी लगाता है. इससे इसे चुकाने में और ज्यादा दिक्कत आनी शुरू हो जाती है. ऐसे में जरूरी है कि आप लोन के लिए आवेदन करने से पहले इसके नियम और शर्तें ध्यान से पढ़ लें. साथ ही देख लें कि क्या आपके पास समय से पहले लोन चुकाने के विकल्प हैं.
ज्यादा ईएमआई
शॉर्ट टर्म लोन का टेन्योर कम होता है. इसलिए इसे चुकाने के लिए हर महीने ज्यादा ईएमआई चुकानी होती है. मोटी ईएमआई आमतौर पर बहुत से लोगों का बजट बिगाड़ देती है. इससे लोग लोन डिफॉल्ट कर जाते हैं और उन्हें पेनल्टी चुकानी पड़ती है. इससे उन पर कर्ज बोझ बढ़ जाता है.