रायपुर .छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के सन्ना समेत आसपास के क्षेत्र में इन दिनों मिर्ची की फसल लहलहा रही है। किसानों ने 2 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसल लगाई है। सन्ना क्षेत्र में मिर्ची के खेती करीब आठ साल पहले शुरू हुई थी। जशपुर में उत्पादित मिर्च की मांग इन दिनों उत्तर प्रदेश, ओडिशा और झारखण्ड की मंडियों में तेज होने लगी है। आवक के मुकाबले मांग अधिक होने से किसानों को अच्छी कीमत मिल रही है। पिछले साल इस सीजन में किसानों को 10 से 12 रुपये की कीमत मिल रही थी, इस बार 25 से 30 रुपये प्रति किलो का भाव मिल रहा है। लेकिन बाजार में आई तेजी का पूरा लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। दलाल किसानों से प्रति किलो 10 से 12 रुपये कमा रहे हैं। मिर्च और टाऊ जैसे पᆬसल की सीधी खरीदी की व्यवस्था नहीं की गई तो जिले को नई पहचान दिलाने वाले इन पᆬसलों के उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है।जिले में साल दर साल बढ़ रहे मिर्ची उत्पादन से अब पड़ोसी राज्य झारखण्ड और आडिशा के बड़े व्यवसायी सन्ना की ओर रूख करने लगे हैं। जिले में आलू, टमाटर, टाऊ जैसी पᆬसलों की तरह मिर्ची फसल की सही कीमत नहीं मिलने से किसान परेशान है. क्षेत्र के किसान अधिकांशतः जेके और टोपिटा,वी अनार प्रजाति की मिर्ची का उत्पादन करते हैं। किसानों के मुताबिक इन प्रजातियों के मिर्ची में दाना की मात्रा अधिक होती है। इससे फलों का वजन बढ़ जाता है। मंडियों में फसल के पहुंचते ही व्यापारी इसे हाथों-हाथ लेते हैं। जिले के अधिकांश उत्पादक अपने फसल को बेचने के लिये अंबिकापुर के मंडी पर आश्रित है।
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