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पाई-पाई पर नजर रखता है सरकार का नया ‘जासूस’, हर कमाई पर लगता है इनकम टैक्‍स, प्रोफेशनल्‍स की खास निगरानी

टैक्‍स का दायरा बढ़ाने और लेनदेन पर ज्‍यादा नजर रखने के लिए इनकम टैक्‍स (Income Tax) विभाग ने नया ट्रैकिंग सिस्‍टम लागू किया है. इनकम टैक्‍स विभाग ने वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मंगलवार को लंबी बातचीत के बाद नए ट्र्रैकिंग सिस्‍टम को लागू करने का ऐलान किया है. इसका मकसद निगरानी बढ़ाकर टैक्‍स का आधार बढ़ाना है. यानी अब टैक्सपेयर्स के हर लेनदेन की निगरानी इनकम टैक्‍स विभाग करेगा और टैक्‍स चोरी के मामलों पर अंकुश लगाएगा. नए सिस्‍टम से गैर नौकरीपेशा पर नजर रखा और आसान हो जाएगा.

बैठक में केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्‍तमंत्री को बताया कि स्‍टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजेक्‍शन (SFT) में नए डाटा सोर्स को लागू किए जाने के बाद टैक्‍सपेयर्स का दायरा बढ़ा है. अब डिविडेंड, ब्‍याज, शेयर और म्‍यूचुअल फंड की जानकारी के साथ जीएसटीएन (GSTN) से भी इन्‍फॉर्मेशन मिल रही है. इससे टैक्‍स के मामलों की रिपोर्टिंग 12 गुना बढ़ गई है. इस सिस्‍टम को लागू किए जाने के बाद 3 करोड़ और लोगों के ट्रांजेक्‍शन की जानकारी मिल रही है.

नया टीडीएस कोड भी लागू
सीबीडीटी ने बताया कि जबसे नया टीडीएस (TDS) कोड लागू किया है, ट्रांजेक्‍शन की ट्रैकिंग और आसान हो गई है. बीते 8 साल में टीडीएस कोड की संख्‍या 36 से बढ़कर 65 हो गई है. इससे 2015-16 में जहां 70 करोड़ ट्रांजेक्‍शन की जानकारी मिली थी, वहीं 2021-22 में यह बढ़कर 144 करोड़ हो गई है. वित्‍त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय जीडीपी के मुकाबले अब व्‍यक्तिगत टैक्‍स की हिस्‍सेदारी बढ़कर 2.9 फीसदी हो गई है.

गैर वेतनभोगियों पर शिकंजा
इनकम टैक्‍स विभाग का कहना है कि नया टैक्‍स सिस्‍टम गैर वेतनभोगी करदाताओं पर खास नजर रखेगा. इससे प्रोफेसनल्‍स और कारोबारियों की निगरानी करना आसान हो गया है. टीडीएस को ट्रैकिंग करके हर ट्रांजेक्‍शन पर नजर रखी जा सकती है. वित्‍त मंत्रालय ने बताया कि अब हमारा मकसद लोगों को टैक्‍स को लेकर एजुकेट करना है.

आईटी कर्मचारियों पर भी शिकंजा
वित्‍तमंत्री ने विभाग के अधिकारियों के साथ कर्मचारियों व ऑफिसर्स के खिलाफ चल रहे मामलों की भी समीक्षा की. उन्‍होंने कहा ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ लंबित मामलों को जल्‍द निपटाने में तेजी लानी चाहिए. वित्‍तमंत्री ने सीबीडीटी को ऐसे मामले जल्‍द निपटाने के भी निर्देश दिए हैं. उन्‍होंने टैक्‍सपेयर्स की ओर से आने वाले सभी आवेदन को तय समय-सीमा के भीतर निपटाने का भी निर्देश दिया.