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अब निजी कंपनी करेगी संचालन! 4 कंपनियों ने दिखाई रुचि, बढ़ेगा किराया

पैलेस ऑन व्हील्स (Palace On Wheels) का निजी हाथों में जाना लगभग तय हो गया है. चार कंपनियों ने पैलेस ऑन व्हील्स के संचालन में रुचि दिखाई है. ओएंडएम के आधार पर चार कंपनियों ने बिड दाखिल की है. उसके बाद से अगले सत्र में शाही ट्रेन निजी कंपनी की ओर से संचालित होने की संभावना है. दूसरी तरफ ट्रेन के निजीकरण (Privatization) को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर दोगलापन अपनाने का आरोप लगाया है. लिहाजा अब इस पर राजनीति भी गरमाने लगी है.

राजस्थान के पर्यटन की शान कही जाने वाली शाही गाड़ी पैलेस ऑन व्हील्स का संचालन अब निजी हाथों में जाना तय हो गया है. हाल ही में पर्यटक स्थलों पर ई टिकटिंग की जिम्मेदारी भी निजी कंपनियों को सौंप दी गई है. चूंकि राजस्थान की गहलोत सरकार निजीकरण के मसले को लेकर हमेशा से केंद्र सरकार पर हमले करते रही है. लिहाजा राज्य सरकार के इस कदम से अब बीजेपी को भी उस पर हमलावर होने का मौका मिल गया है

दो कंपनी दिल्ली, एक जयपुर और एक वड़ोदरा की है
राज्य सरकार दावा करती आ रही है कि पैलेस ऑन व्हील प्रॉफिट में चल रही है. प्रोफिट में चलने के बाद भी अब इसका निजीकरण क्यों किया जा रहा है. इस पर पर्यटन विभाग से जड़े अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. पैलेस ऑन व्हीलस के संचालन के लिए जिन कंपनियों ने बीड दाखिल की है उनमें से दो कंपनी दिल्ली, एक जयपुर और एक वड़ोदरा की है.

किराये में कितना इजाफा होगा यह अभी साफ नहीं हो पाया है
बिड खुलने के बाद कंपनी का नाम फाइनल किया जाएगा. ऐसे में अब अगले सत्र में शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स का संचालन निजी कंपनी की ओर से किए जाने की पूरी संभावना है. सरकार के इस कदम के बाद अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस ट्रेन के किराये में इजाफा भी हो सकता है. किराये में इजाफा कितना होगा इसका अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है.

सरकार के निजीकरण को लेकर बीजेपी हुई हमलावर
बीजेपी प्रवक्ता अशोक शेखावत ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है. राज्य सरकार कहती है की हम निजीकरण का विरोध करते हैं लेकिन दूसरी ओर खुद निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. ऐसे में साफ जाहिर होता है कि सरकार इस मसले पर दोगलापन अपना रही है.