पीएम नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा दोनों ही देशों के बीच स्थापित संबंधों के लिहाज से तो महत्वपूर्ण रहा है, भारत को आर्थिक और तकनीकी रूप से भी इसके कई अहम मायने हैं. पीएम मोदी का ये दौरा भारतीय सेना की ताकत को और अधिक तकनीकी ताकत देगा तो वहीं अंतरिक्ष की उड़ान में भी नासा का सहयोग दिखेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदगी में दोनों की देशों के बीच जो समझौते हुए हैं उनमें बिजनेस डील के तहत अमेरिकी कंपनियां भारत का रुख करने लगेंगी.
रक्षा के क्षेत्र में जो करार हुआ है उसके बाद अब भारत में लड़ाकू जेट इंजनों का उत्पादन शुरू हो जाएगा. अभी भारत अमेरिका और रूस से जो लड़ाकू विमानों के जेट इंजन खरीदता रहा है उनका उत्पादन भारत में ही होने लगना बड़ी उपलब्धि है. इस रक्षा समझौते में जीई एयरोस्पेस ने भारतीय वायुसेना आईएएफ के हल्के लड़ाकू विमानों ‘एलसीए’ एमके 2 तेजस के लिए संयुक्त रूप से लड़ाकू जेट इंजनों का उत्पादन करने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ‘एचएएल’ के साथ एक करार किया गया है. इस समझौते में भारत में जीई एयरोस्पेस के एफ 414 इंजनों का उत्पादन भी शामिल है. जीई एयरोस्पेस इसके लिए आवश्यक निर्यात अधिकार हासिल करने के लिए अमेरिकी सरकार के साथ काम कर रही है.