पंजाब में मुख्यमंत्री आवास के सामने की सड़क आम आदमी के लिए खोलने के आदेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. पंजाब की भगवंत मान सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने सड़क खोलने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट में आज यानी शुक्रवार को जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ पंजाब सरकार की इस याचिका पर सुनवाई करेगी. बता दें कि 1980 के दशक से ही आतंकवाद के दौर में मुख्यमंत्री आवास के सामने की सड़क बंद कर दी गई थी.
आम आदमी की आवाजाही को सुगम करने के लिए बीते दिनों पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को 1 मई से शहर के पॉश इलाके सेक्टर 2 में पंजाब के मुख्यमंत्री आवास के सामने की सड़क को जनता के लिए खोलने के लिए कहा था. हालांकि, हाईकोर्ट ने इसे प्रायोगिक तौर पर खोलने के लिए कहा था. मगर अब तक सड़क नहीं खुल पाई है. अब हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
आम आदमी की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री आवास के सामने की सड़क को खोलने के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए आम आदमी पार्टी सरकार ने अपनी दलील में मुख्य रूप से सड़क के खुलने की वजह से खतरे की धारणा और सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है. इसी मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. इस सड़क को 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर में आम लोगों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था.
दरअसल, 26 अप्रैल को जारी अपने आदेश में हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के डीजीपी और एसएसपी को इस सड़क के लिए ट्रैफिक विशेषज्ञों की मदद से ट्रैफिक प्रबंधन योजना बनाने का निर्देश दिया था, ताकि आम लोगों की आवाजाही में आसानी हो. पीठ ने सुझाव दिया था कि शुरुआत में कार्य दिवसों पर यानी वीक डेज में सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक सड़क खोली जानी चाहिए. इससे पहले नवंबर 2023 में सड़क को आम जनता के लिए खोलने का सुझाव देते हुए हाईकोर्ट की बेंच ने कहा था कि 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर में सड़क बंद कर दी गई थी और तब से चीजों में बड़ा बदलाव आया है.
दरअसल, 26 अप्रैल को जारी अपने आदेश में हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के डीजीपी और एसएसपी को इस सड़क के लिए ट्रैफिक विशेषज्ञों की मदद से ट्रैफिक प्रबंधन योजना बनाने का निर्देश दिया था, ताकि आम लोगों की आवाजाही में आसानी हो. पीठ ने सुझाव दिया था कि शुरुआत में कार्य दिवसों पर यानी वीक डेज में सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक सड़क खोली जानी चाहिए. इससे पहले नवंबर 2023 में सड़क को आम जनता के लिए खोलने का सुझाव देते हुए हाईकोर्ट की बेंच ने कहा था कि 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर में सड़क बंद कर दी गई थी और तब से चीजों में बड़ा बदलाव आया है.