गृहमंत्री अमित शाह एडिटेड वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने पहली गिरफ्तारी की है. इस मामले में दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यूनिट ने कांग्रेस नेता को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कांग्रेस नेता की पहचान अरुण रेड्डी के रूप में की है.पुलिस का कहना है कि एक्स पर अरुण रेड्डी का अकाउंट स्प्रिट ऑफ कांग्रेस के नाम से है.
वहीं इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो से संबंधित मामले में किसी भी राजनीतिक दल का एक भी सदस्य दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा की ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस’ (आईएफएसओ) इकाई के समक्ष पेश नहीं हुआ. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने झारखंड, उत्तर प्रदेश के कुछ नेताओं और पूर्वोत्तर के एक व्यक्ति को तलब किया था, लेकिन गुरुवार को कोई भी पूछताछ के लिए नहीं आया. शाह का फर्जी वीडियो अपलोड करने और साझा करने के मामले में दिल्ली पुलिस तेलंगाना कांग्रेस के सदस्यों को दूसरा नोटिस दे सकती है.
कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के चार सदस्यों को बुधवार को आईएफएसओ के कार्यालय में पेश होना था, लेकिन वे पेश नहीं हुए. जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि हम उन्हें आईओ (जांच अधिकारी) के समक्ष पेश होने के लिए फिर से कहेंगे क्योंकि वे बुधवार को नहीं आए. तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के चार सदस्यों – शिवकुमार अंबाला, अस्मा तसलीम, सतीश मन्ने और नवीन पेटम को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 91 और 160 के तहत समन जारी किए गए थे.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को सीआरपीसी की धारा 160/91 के तहत नोटिस दिया जाता है, तो वह व्यक्ति या तो जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित हो सकता है या अपना कानूनी प्रतिनिधि भेज सकता है. बुधवार को रेड्डी के अधिवक्ता जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित हुए और उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता का शाह के भाषण के वीडियो से छेड़छाड़ या इसे पोस्ट करने से कोई लेना-देना नहीं है.