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‘EVM पर अफवाह फैलाई जा रही है’, एलन मस्क और राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग का करारा जवाब

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर उठ रहे विवाद पर केंद्रीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने रविवार को साफ शब्दों में कहा कि ईवीएम को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है. मुंबई उपनगर जिला कलेक्टर वंदना सूर्यवंशी ने ईवीएम पर जारी विवादों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ईवीएम पर गलत ख़बर फैलाई गई है और सारे आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा, “ईवीएम में अनलॉकिंग के लिए कोई ओटीपी नहीं आती है, जो खबर चल रही है वो पूरी तरह से गलत है. ईवीएम किसी मशीन से जुड़ा हुआ नहीं होता है.”

ईवीएम के संबंध में राहुल गांधी के ट्वीट पर स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा, “जो खबर चल रही है, वो गलत है. ईवीएम के लिए किसी ओटीपी की जरूरत नही होती है, बल्कि रिजल्ट बटन प्रेस करके काम होता है. चुनाव आयोग ने ईवीएम को लेकर अपनी पूरी प्रकिया का पालन किया है.”

स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने ईवीएम के इस्तेमाल पर सवाल उठाते हुए इसे बंद करने की सलाह दी है. उनके इस बयान के बाद कांग्रेस ने भी ईवीएम पर निशाना साधा. पार्टी सांसद राहुल गांधी ने कहा कि ईवीएम एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है, जिसकी जांच करने की किसी को इजाजत नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत की चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर ‘गंभीर चिंताएं’ जताई जा रही हैं.

अधिकारी ने आगे कहा, “कुछ लोगों को हमने डाटा अपलोड करने के लिए मोबाइल ले जाने की इजाजत दी थी. लेकिन उस संबधित व्यक्ति तक वो मोबाइल कैसे गया, उस पर हमने खुद भी एफआईआर दर्ज कराई है और मामले की जांच की जा रही है. किसी को सीसीटीवी नहीं मिलेगा, जब तक कि कोर्ट का ऑर्डर नहीं होता है.”

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “जब संस्थाओं में जवाबदेही ही नहीं होती तो लोकतंत्र दिखावा बन कर रह जाता है और धांधली की आशंका बढ़ जाती है.” इस पोस्ट के साथ गांधी ने एक खबर भी साझा कि जिसमें दावा किया गया कि मुंबई की उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से 48 वोट से जीत दर्ज करने वाले शिवसेना के उम्मीदवार के एक रिश्तेदार के पास एक ऐसा फोन है जिससे ईवीएम में छेड़छाड़ संभव थी.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ‘एक्स’ पर एलन मस्क की उस पोस्ट को भी साझा किया जिसमें मस्क ने ईवीएम को हटाने की बात कही थी. मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा था, “हमें ईवीएम को खत्म कर देना चाहिए. मुनष्यों या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि छोटा है, फिर भी बहुत अधिक है.”