जनवरी से ही संकट में फंसी दिग्गज फिनटेक कंपनी पेटीएम (Paytm) की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) पर लगे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बैन के बाद कंपनी आर्थिक मुसीबतों में फंसी हुई है. पेटीएम के बिजनेस में भी गिरावट आई है. साथ ही पेटीएम में बड़े पैमाने पर छंटनी भी की गई है. अब कर्मचारियों ने पेटीएम पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पेटीएम उन्हें सूचना दिए बगैर जबरदस्ती नौकरी से निकाल रही है. बिना कोई नोटिस दिए उनसे इस्तीफे मांगे जा रहे हैं. इसके अलावा कंपनी की तरफ से उन्हें नौकरी से निकालने के दौरान कोई भुगतान भी नहीं किया जा रहा है. कई कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें रीस्ट्रक्चरिंग के बारे में पेटीएम की ओर से कोई भी जानकारी नहीं दी गई है.
रीस्ट्रक्चरिंग के दौर से गुजर रही पेटीएम
पेटीएम ने हाल ही में स्वीकार किया था कि वह रीस्ट्रक्चरिंग के दौर से गुजर रही है. मार्च तिमाही के अंत तक कंपनी के कर्मचारियों की संख्या भी कम हुई है. अब कंपनी पर कर्मचारी इस तरह के आरोप लगा रहे हैं. कई लोगों ने कहा है कि कंपनी ज्वाइनिंग और रिटेंशन बोनस भी मांग रही है. इन आरोपों से कंपनी की साख को तगड़ा झटका लगा है.
कंपनी ने आरोपों को नकारते हुए दी सफाई
हालांकि, कंपनी ने इन सभी आरोपों को नकारते हुए कहा है कि हम किसी के साथ जबरदस्ती नहीं कर रहे हैं. हमने अपनी एचआर टीम को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आधिकारिक चैनलों के माध्यम से ही कर्मचारियों को छंटनी के बारे में जानकारी दें. इसके अलावा हम अपॉइंटमेंट लेटर के हिसाब से नोटिस पीरियड का भी पूरा सम्मान कर रहे हैं. उनके फुल एंड फाइनल सेटलमेंट की भी व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही छंटनी का शिकार हो रहे लोगों को कहीं और नौकरी दिलाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं. हम बदलाव के इस दौर में कर्मचारियों के साथ खड़े हैं.
पारदर्शी तरीके से छंटनी चाहते हैं कर्मचारी
पिछले कुछ महीनों में कई कर्मचारी पेटीएम छोड़कर जा चुके हैं. अभी भी कंपनी से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि उन्हें पारदर्शी तरीके से नौकरी से निकाला जाए. आगे की कार्रवाई पर फैसला लेने के लिए कई कर्मचारियों ने व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए हैं. फिलहाल पेटीएम कस्टमर्स का भरोसा दोबारा से जीतने की कोशिश में लगी है. कंपनी के स्टॉक में भी भारी उथलपुथल जारी है. यह अभी भी अपने 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर से लगभग 57 फीसदी नीचे है.