पश्चिम बंगाल में कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन एक्सीडेंट के बाद लगातार नए-नए सवाल जन्म ले रहे हैं. इस भयानक एक्सीडेंट में 10 लोगों की मौत हो गई थी और 25 से अधिक लोग घायल हुए थे. ट्रेन एक्सीडेंट की अभी जांच पूरी भी नहीं हुई है कि अब सामने आ रहा है कि रेलवे पुलिस ने लोगों से कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाए हैं. बाद में पता चला कि जिन लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं उनके नाम से एक्सीडेंट की शिकायत दर्ज करवाई गई है. प्रभावित लोगों को इस बात का पता चलने पर वे अब शिकायत वापस ले रहे हैं.
कंचनजंघा ट्रेन दुर्घटना में एक शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज होने के कुछ घंटों बाद ही शिकायतकर्ता यह कहते हुए पीछे हट गई है कि उससे उसके नाम और पते के साथ एक कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया है. ट्रेन की यात्री चैताली मजूमदार ने लोको पायलट और सह-पायलट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. चैताली मजूमदार के पिता चिन्मय मजूमदार ने बताया कि उनकी बेटी दुर्घटना के बाद सदमे में थी और रेलवे पुलिस ने उससे कागज पर हस्ताक्षर करवाए हैं.
चिन्मय मजूमदार ने बताया, “इतना बड़ा हादसा होने के बाद मेरी बेटी सदमे में थी. तभी आरपीएफ और जीआरपी के लोग आये और हमारा नाम, पता लिया और हमसे एक कागज पर हस्ताक्षर करने को कहा. हमने हस्ताक्षर कर दिए. हमने कोई शिकायत नहीं की है. कल हमें पता चला कि हमने शिकायत की है. हम शिकायत क्यों करेंगे? जीआरपी के लोग आए, उन्होंने हमारा पता लिखा और कहा कि वे कागज में हमारा बायोडाटा देंगे, लेकिन कोई मामला दर्ज करने की बात नहीं हुई. ”
मजूमदार सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस में सवार थे जो सोमवार को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में एक मालगाड़ी से टक्कर के बाद पटरी से उतर गई. मजूमदार ने कथित तौर पर मालगाड़ी के लोको पायलट और सह-लोको पायलट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. यात्री ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि यह दुर्घटना “लोको पायलट और सह-लोको पायलट के लापरवाह आचरण” के कारण हुई.