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पेट्रोलिंग पर थी GRP, प्‍लेटफॉर्म 4 पर पहुंचते ही जवानों की फटी रह गईं आंखें, शटल ट्रेन की बोगी में क्‍या दिखा?

भारत में हर दिन ट्रेन से करोड़ों की संख्‍या में यात्री सफर करते हैं. देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में चलने वाली ट्रेनें पैसेंजर्स को उनके गंतव्‍य तक पहुंचाती हैं. कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जिनकी वजह से रेलवे सुरक्षा पर सवाल उठाए जाते हैं, तो कई बार भारतीय रेल की तारीफ भी होती है. बता दें कि ट्रेन और प्‍लेटफॉर्म पर किसी तरह के अपराध को अंजाम न दिया जा सके इसके लिए GRP (राजकीय रेल पुलिस) और RPF (रेलवे सुरक्षाबल) की टीमों की तैनाती की जाती है. हाल में ही GRP की टीम के पास अजमेर रेलवे जंक्‍शन पर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जिसे कुछ ही घंटों में सुलझा लिया गया.

दरअसल, अजमेर रेलवे जंक्शन के ए‍क प्लेफॉर्म पर परिवार संग सो रही एक नाबालिग बच्ची सोमवार रात को अचानक से गायब हो गई. आधी रात के बाद करीब 1:30 बजे जब परिजनों की आंख खुली तो उन्होंने देखा कि बच्ची और उनके 2-3 बैग वहां नहीं हैं. पीड़ित परिवार ने तुरंत राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) को इसके बारे में सूचना दी. मामले की गंभीरत को देखते हुए SHO की टीम ने प्‍लेटफॉर्म पर लगे CCTV कैमरों की मदद से बच्‍ची की तलाश शुरू की और मंगलवार सुबह करीब 4:30 बच्ची को ढूंढ निकाला.

बच्ची के साथ बेरहमी
GRP की टीम को 11 साल की मासूम बच्ची अजमेर जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर-4 अजमेर-जयपुर शटल ट्रेन के एक डब्बे में मिली. अधिकारियों ने बताया कि उसके चेहरे पर मारपीट के निशान हैं, जिसके चलते पुलिसकर्मियों ने तुरंत उसे जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में मेडिकल के लिए भर्ती कराया. GRP के आलाधिकारी के अनुसार, पीड़ित बच्ची मध्य प्रदेश के ग्वालियर की रहने वाली है जो अपने परिवार के साथ पिछले 15 दिनों से धार्मिक स्थलों पर दर्शन करने के लिए घर से निकली हुई है. सोमवार शाम उन्होंने अजमेर दरगाह में दर्शन किए थे और फिर रात करीब 9 बजे रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर ही सोने के लिए आ गए थे.

आंख खुली तो बच्‍ची गायब
GRP के एसपी ने बताया कि आधी रात के बाद करीब पौने दो बजे अजमेर GRP थाने को बच्ची के लापता होने की सूचना मिली. इसके बाद से पूरी टीम उसे ढूंढने में लग गई. बच्ची को ढूंढ लिया गया और अब उसका मेडिकल कराया जा रहा है. हमें सीसीटीवी कैमरे से आरोपी के खिलाफ अहम सुराग मिले हैं. जल्द उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. फिलहाल पीड़ित परिवार से लिखित में शिकायत लेकर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है.