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जीएसटी काउंसिल की बैठक, उर्वरक,ऑनलाइन गेमिंग सहित इन 5 मुद्दों पर हो सकता है बड़ा फैसला

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में कल 22 जून को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की 53वीं बैठक आज होगी. एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में होने वाली पहली GST काउंसिल बैठक है. इस बैठक में जीएसटी से जुड़े से कई अहम मुद्दों पर चर्चा और फैसला हो सकता है. जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक आठ महीने पहले हुई थी. उस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी, सभी तरह की जरी वाली चीजों पर 5% और इंडस्ट्रियल इस्तेमाल में आने वाले एक्स्ट्रा न्यूट्रल एल्कोहल पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने सहित कई अहम फैसले लिए गए थे.

उम्‍मीद की जा रही है कि आज होने वाली जीएसटी मीटिंग में GST स्ट्रक्चर को सुव्यवस्थित करने, अनुपालन बढ़ाने और इंडस्ट्री की चिंताओं को सुलझाने के मकसद से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है. निर्मला सीतारमण ने औपचारिक रूप से केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के ठीक एक दिन बाद, GST काउंसिल ने 53वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग की तारीख की घोषणा की थी.

उर्वरकों पर GST से मिल सकती है छूट
जीएसटी काउंसिल की बैठक में फर्टिलाइजर को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है. उर्वरकों को जीएसटी के दायरे से बाहर किया जा सकता है. फिलहाल फर्टिलाइजर्स पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है. जबकि सल्फ्यूरिक एसिड और अमोनिया जैसे कच्चे माल पर 18 फीसदी GST लगता है. फर्टिलाइजर पर टैक्स कम करने का मुद्दा सितंबर 2021 और जून 2022 में हुई 45वीं और 47वीं मीटिंग में रखा गया था.

हो सकती है ऑनलाइन गेमिंग टैक्स की समीक्षा
GST काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर लगाए गए 28 फीसदी टैक्स के फैसले की समीक्षा भी हो सकती है. काउंसिल ने अक्टूबर 2023 में 52वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग और कैसीनो पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया था.

पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में लाने पर चर्चा
फिलहाल पेट्रोल, डीजल, जेटफ्यूल और नैचुरल गैस जैसे प्रोडक्ट GST के दायरे से बाहर हैं. इनको जीएसटी में शामिल किए जाने की समय-समय पर मांग होती रहती है. जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक में पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में लाने पर चर्चा हो सकती है.

कॉरपोरेट गारंटी पर स्पष्टता
इंडस्ट्री जगत को उम्मीद है कि कर्मचारियों को दी जाने वाली कॉरपोरेट गारंटी और ESOPs पर टैक्स लगाने की परिस्थितियों और इसके वैल्यूएशन पर काउंसिल अधिक स्पष्टता लाएगी. GST काउंसिल की पिछली बैठक यह फैसला लिया गया था कि मूल कंपनी ने जो गारंटी दी है, उस राशि के 1 फीसदी या वास्तविक प्रतिफल में जो भी अधिक हो, उस पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा.