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इन्फोसिस ने टेके सेबी के आगे घुटने, अब भरने पड़ेंगे 25 लाख रुपये, पर नहीं मानी गलती

दिग्गज सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इन्फोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख ने बाजार नियामक सेबी (सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के साथ Insider ट्रेडिंग वाला मामला सुलझा लिया है. ने सेबी को 25 लाख रुपये का भुगतान कर इस मामले को निपटाया है. इन्फोसिस पर Insider ट्रेडिंग के नियमों के कथित उल्लंघन का आरोप था.

सेबी द्वारा पारित आदेश के अनुसार, वह (पारेख) कथित तौर पर इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए बनाने गए कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कंपनी के अंदर ‘पर्याप्त और प्रभावी प्रणाली’ नहीं स्थापित कर सके थे. यह मामला इन्फोसिस के शेयरों में Insider ट्रेडिंग के कथित मामले में 29 जून, 2020 से 27 सितंबर, 2021 के बीच सेबी की जांच से सामने आया.

क्या था मामला?
सेबी की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि कंपनी के अधिकारियों ने 2020 में जून तिमाही के नतीजों में कुछ ‘अनपब्लिश्ड प्राइस सेंसिटिव इंफोर्मेशन’शामिल कर दी थीं. इससे कुछ लोगों को फायदा पहुंचा था. सेबी ने 2021 में इंफोसिस के सीनियर कॉर्पोरेट काउंसल प्रांशु भूतड़ा और कॉर्पोरेट अकाउंटिंग ग्रुप के वरिष्ठ प्रिंसिपल वेंकट सुब्रमण्यम वीवी के साथ-साथ छह अन्य संबंधित संस्थाओं को Insider ट्रेडिंग के लिए अगले आदेश तक पूंजी बाजार तक पहुंच से प्रतिबंधित कर दिया था.

अभी क्या हुआ?
अब सलिल पारेख ने सेबी से इस शर्त पर समझौता किया है कि वे न इस आरोप को स्वीकार करते हैं और न ही अस्वीकार करते हैं लेकिन वह जुर्माने का भुगतान करेंगे. इसके बाद सेबी ने भी समझौते को स्वीकृति देते हुए कहा है कि 3 अगस्त 2023 को सलील पारेख को जो कारण बताओं नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई शुरू की गई थी उसका निपटारा किया जाता है.